पेट्रोल डीजल के बाद अब गृह निर्माण सामग्री में तेजी, 26% तक बढ़ी महंगाई

भोपाल। देशभर में महंगाई के चलते हाहाकार मचा हुआ है। पेट्रोलिय पदाथों की बढ़ती कीमतों के बाद हर क्षेत्र में इसका असर दिख रहा है। निर्माण सामग्री की लागत अधिक आने से मकानों की कीमतें भी बढ़ना शुरू हो गई हैं। रियल एस्टेट सेक्टर ने इसको लेकर चिंता जताई है। रियल एस्टेट डेवलपर्स की अधिकृत संस्था क्रेडाई ने महंगाई को लेकर सचेत किया है।
क्रेडाई ने कहा कि हाल के कठिन वर्षों में बढ़ती महंगाई के कारण सबसे अधिक दुष्प्रभाव रियल स्टेट पर हुआ है। क्रेडाई के सदस्य लगातार निर्माण सामग्रियों की बढ़ती क़ीमतों से संगठन को अवगत करा रहे हैं। यूथ क्रेडाई भोपाल द्वारा नवंबर 2021 में किये गये तुलनात्मक अध्ययन के अनुसार सन् 2019 के बाद भोपाल और आसपास निर्माण सामग्री के मूल्यों में अत्यधिक वृद्धि हुई है जो अन्य राज्यों की तुलना में भी अधिक है। डीज़ल व पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती क़ीमतों, कुशल व अर्धकुशल मज़दूरों की कमी, लॉकडाउन कर्फ़्यू व कोविड के कुप्रभाव, ऊँची गाइडलाइन व स्टांप ड्यूटी और व्यापक विपरीत वित्तीय परिस्थितियों के चलते निर्माण लागत 19 से 26 प्रतिशत तक बढ़ गयी है। लम्बे समय से रियायती क़ीमतों पर प्रापर्टी बेचने वाले डेवलपर्स के पास क़ीमतें बढ़ाने के अलावा कोई उपाय नहीं बचा है।
रेरा में लंबी वेटिंग, परिजनाओं पर संकट
क्रेडाई ने कहा कि आवश्यक अनुमतियों में लगने वाला समय लगातार बढ़ रहा है। खासकर रेरा में नवीनीकरण और नवीन अनुमतियों के प्रकरण लम्बित है। प्रतिदिन मंहगे होते बाजार में डेवलपर्स के पास नवीन परियोजनाओं की योजना बनाते समय कीमते तय करना कठिन होता जा रहा है। रेरा अनुबंधित प्रापर्टी की क़ीमतें बढ़ाने की अनुमति नहीं देता है जीएसटी की दरें उच्चतम हैं और इनपुट क्रेडिट टेक्स की विसंगतियाँ बरकरार हैं ऐसे में क्रेडाई राज्य व केंद्र सरकार से अनुरोध कर रही है कि रियल स्टेट को रियायतें दी जाए, ताकि बढ़ती क़ीमतों का अतिरिक्त बोझ ख़रीददार पर न पड़े तथा सबको किफ़ायती आवास का उद्देश्य पूरा हो सके।
गौरतलब है कि क्रेडाई की देश भर के रियल स्टेट डेवलपर्स की अपेक्स बॉडी है। देश के सभी राज्यों और प्रमुख शहरों में 13,000 से अधिक डेवलपर्स इस प्रतिष्ठित संस्था के सदस्य हैं, जो प्रापर्टी ओनर्स, डेवलपर्स, उपभोक्ता और सरकार के बीच सेतु का दायित्व निभाती है। क्रेडाई निरंतर नीति-नियमों की विशंगतियो से जूझकर समाधान हासिल करने की परंपरा देश-प्रदेश में गढ़ रहा है, इसमें प्रत्यक्ष या परोक्षत: सभी क्रेडाई सदस्यों का अहं योगदान है।