MP : टाइगर की बढ़ती मौत पर सवाल, हाईकोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब  

MP : टाइगर की बढ़ती मौत  पर सवाल,  हाईकोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब  

जबलपुर/भोपाल। टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश में साल 2021 में अभी तक 36 टाइगर की मौत हो चुकी है। यह दावा मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच में दायर एक याचिका में किया गया है। याचिकाकर्ता के मुताबिक, सबसे ज्यादा टाइगर नेशनल पार्क के जंगल मे हुई है, जो चिंता की बात है। 

दरअसल, टाइगर स्टेट का दर्जा रखने वाले मध्यप्रदेश में टाइगर की सुरक्षा को लेकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण याचिका दायर की गई है। याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट चीफ जस्टिस रवि मलिमथ और जस्टिस विशाल धगट की बेंच ने केंद्र सरकार और नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है। 

तीन साल में 36 टाइगर की मौत

भोपाल निवासी पर्यावरण कार्यकर्ता अजय दुबे द्वारा दायर की गई इस याचिका में दलील दी गई है कि मध्यप्रदेश में 2018 की गणना में कुल 526 टाइगर पाए गए थे, जबकि साल 2021 में अब तक 36 टाइगर की मौत की पुष्टि हो चुकी है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता के मुताबिक, टाइगर की मौत को लेकर तमाम मीडिया संस्थाओं में जारी हुई सूचना के मुताबिक किसी के गुप्तांग काट लिए गए तो किसी के अंग की तस्करी की गई है। यह बात भी सामने आई है कि नेपाल के रास्ते टाइगर शरीर के अलग-अलग हिस्सों की तस्करी चीन तक हो रही है, लेकिन इसकी रोकथाम की दिशा में कोई कारगर प्रयास नहीं किए गए हैं।

रिजर्व एरिया में सबसे अधिक मौतें

खास बात यह है कि सबसे ज्यादा टाइगर की मौत नेशनल टाइगर रिजर्व एरिया में हुई हैं, ऐसे में इनकी सुरक्षा को लेकर अपनाए जा रहे उपाय और क्या कार्ययोजना है, इस आशय की जानकारी भी याचिकाकर्ता ने मांगी है। सोमवार को सुनवाई के दौरान मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है और पूरे मामले की अगली सुनवाई 7 जनवरी 2022 को नियत की है।

बाघों की गणना 

मालूम हो कि मध्यप्रदेश में इन दिनों बाघों की गणना की जा रही है। सभी वन मंडलों में बाघ गणना शुरू हो गई है। 17 नवंबर से 23 नवंबर तक शाकाहारी और मांसाहारी वन्य प्राणियों के चिन्ह लेने के लिए बीट गार्ड ट्रांजिट लाइन पर पांच किलोमीटर तक पैदल चलेंगे। इस दौरान पाए जाने वाले चिन्हों की फोटो लेंगे और उन्हें एम स्ट्राइब मोबाइल ऐप में फीड करेंगे। पैदल गणना में बीट गार्ड ट्रांजिट लाइन के दोनों तरफ पैदल चलेंगे। यह क्रम अगले सात दिनों तक चलेगा। पहले तीन दिन तक मांसाहारी जानवर, उनकी विष्टा, पद चिन्ह, पेड़ों पर उनके नाखूनों के निशान देखेंगे। अगले तीन दिनों तक शाकाहारी जानवरों, उनके पदचिन्ह, जंगल में पाए जाने वाले घास का आंकलन करेंगे और उसे ऐप में दर्ज करेंगे।