एक देश-एक चुनाव: लॉ कमीशन ने पैनल को बताया रोडमैप, पार्टियों से भी मांगी राय

एक देश-एक चुनाव: लॉ कमीशन ने पैनल को बताया रोडमैप, पार्टियों से भी मांगी राय

नई दिल्ली, लॉ कमीशन ने बुधवार को पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के नेतृत्व वाले पैनल के साथ ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर चर्चा की। इस दौरान आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी ने अपने कुछ सदस्यों के साथ एक साथ चुनाव कराने के रोडमैप पर चर्चा की। लॉ कमीशन के अध्यक्ष जस्टिस (सेवानिवृत्त) ऋतुराज अवस्थी ने देश में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की संभावनाओं पर विचार के लिए पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की अध्यक्षता में गठित उच्च-स्तरीय समिति के सामने आगे की रणनीति पर बुधवार को एक विस्तृत प्रस्तुति दी।

विधि आयोग को देश में एक साथ चुनाव पर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपना बाकी 
सूत्रों ने बताया कि आयोग ने एक साथ चुनाव कराने के लिए संबंधित प्रारूपों और संविधान में आवश्यक बदलावों पर लंबी चर्चा की। उन्होंने कहा कि विधि आयोग को देश में एक साथ चुनाव पर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपना बाकी है। सूत्रों ने कहा कि इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि विधि आयोग को फिर से कोविंद समिति की ओर से आमंत्रित किया जायेगा। समिति ने यह जानने के लिए विधि आयोग को आमंत्रित किया था कि देश में एक साथ चुनाव कैसे कराए जा सकते हैं।

हाई लेवल कमेटी की दूसरी मीटिंग
2 सितंबर को गठित समिति ने बुधवार को अपनी दूसरी बैठक की, जिसमें सभी सदस्य – कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, पूर्व विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद, पूर्व वित्त आयोग के अध्यक्ष एन.के. सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष सी. कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी उपस्थित थे।

राजनीतिक दलों से मांगे सुझाव
उच्च-स्तरीय समिति ने हाल में अपनी पहली बैठक में राजनीतिक दलों के विचार जानने का फैसला किया था। समिति ने अब इन दलों को देश में एक साथ दीर्घकालिक चुनाव कराने पर उनके विचार जानने के लिए पत्र लिखा है। सूत्रों ने कहा कि राजनीतिक दलों को भेजे गए एक संदेश में एक सहमत तारीख पर बातचीत करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को अगले तीन महीनों में अपने विचार लिखित तौर पर भेजने का विकल्प भी दिया गया है।
दरअसल, लॉ कमीशन कार्यकाल को बढ़ाकर या घटाकर सभी विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के फॉर्मूले पर काम कर रहा है, ताकि ये चुनाव 2029 के लोकसभा चुनाव के साथ ही कराए जा सकें। सू्त्रों ने बताया कि विधि आयोग लोकसभा, विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के लिए एक आम मतदाता सूची के लिए एक तंत्र तैयार कर रहा है, ताकि लागत और जन संसाधन के उपयोग को कम किया जा सके। सूत्रों ने बताया कि 2029 से लोकसभा के साथ-साथ राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव एक साथ करने के लिए विभिन्न विधानसभा चुनावों को एक साथ कराने के लिए आयोग विधानसभाओं के कायर्काल को कम करने या बढ़ाने का सुझाव दे सकता है।

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