फिल्म निर्माताओं को आकर्षित कर रहा देश का दिल, मप्र बन रहा फिल्म निर्माताओं की पसंद
भोपाल, मध्यप्रदेश 1 नवंबर को अपना 67वां स्थापना दिवस मानने जा रहा है। कभी पिछड़ा और बीमारू कहा जाने वाला मध्यप्रदेश आज विकास की राह पर तेजी से बढ़ रहे राज्यों की श्रेणी में अग्रणी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश ने विकास की नई संभावानाएं तलाशने के साथ ही उपलब्धियों के कई आयाम भी गढ़े हैं। आज प्रदेश की पहचान फिल्म उद्योग के लिए अपार अवसरों के रूप में हुई है।
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अब सामने आने लगे फिल्म नीति के परिणाम
मध्यप्रदेश में फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई फिल्म नीति के परिणाम अब सामने आने लगे हैं। प्रदेश में मिल रही बेहतर सुविधाओं के कारण आज फिल्म निर्माताओं का रुझान मध्यप्रदेश की तरफ बढ़ा है। फिल्मांकन के लिए आवश्यक अनुमतियां प्राप्त करने में अब किसी के आगे चक्कर नहीं लगाने पड़ते हैं। एक ही प्लेटफार्म पर सभी अनुमतियां आसानी से मिल जाती हैं। पिछले कुछ समय से मध्यप्रदेश में फिल्मों की शूटिंग की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। शिवराज सरकार प्रदेश में फिल्म उद्योग को लगातार प्रोत्साहित कर रही है।
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अन्य राज्यों की अपेक्षा आसान है परमिशन और एनओसी
शूटिंग के लिए खास एवं बेहद खूबसूरत लोकेशंस के अलावा सुविधाजनक स्थल होने की वजह से डायरेक्टर्स मध्यप्रदेश खिंचे चले आते हैं। फिल्म निर्माताओं को शूटिंग की अच्छी लोकेशन यहां आसानी से मिल जाती हैं, साथ ही मध्यप्रदेश सरकार फिल्म के अनुकूल बुनियादी ढांचा स्थापित करने के साथ- साथ उसे प्रोत्साहन भी दे रही है। यहाँ शूटिंग के लिए परमिशन और एनओसी मिलना भी अन्य राज्यों की अपेक्षा आसान है। मध्यप्रदेश सरकर ने 2016 में पर्यटन बोर्ड का गठन किया और 2019 में फिल्म के लिए अपनी पॉलिसी जारी की। वर्तमान में यह देश का ऐसा राज्य है, जो शूटिंग के लिए 5 श्रेणियों में सब्सिडी दे रहा है। प्रदेश में फिल्म निर्माण की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए फिल्म पर्यटन नीति 2020 लागू की गई है। इसमें फिल्मांकन की अनुमति अलग-अलग कार्यालयों की जगह एक स्थान से दिए जाने की व्यवस्था बनाई गई है।
अधिकतम 10 करोड़ रुपये तक अनुदान देने का प्रविधान
अंतरराष्ट्रीय फिल्म, टीवी सीरियल या वेब सीरीज के लिए अधिकतम 10 करोड़ रुपये तक अनुदान देने का प्रविधान किया गया है। वहीं, राष्ट्रीय फीचर फिल्म के लिए 25 प्रतिशत या दो करोड़ रुपये, टीवी सीरियल अथवा वेब सीरीज के लिए 25 प्रतिशत या एक करोड़ रुपये तक अनुदान देने की व्यवस्था है। इसी तरह डाक्यूमेंट्री के लिए अधिकतम 40 लाख रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। राज्य के स्थानीय कलाकारों को फिल्म निर्माण में लेने पर 25 लाख रुपये अतिरिक्त देने का प्रविधान है। फिल्म से संबंधित अधोसंरचना विकास पर 30 प्रतिशत तक अनुदान के साथ फिल्म से जुड़े अमले के लिए पर्यटन विभाग के होटल और रिसार्ट में ठहरने पर 40 प्रतिशत छूट दी जाती है। प्रदेश में फिल्म उद्योग के विकास के लिए फिल्म सिटी, फिल्म स्टूडियो, कौशल विकास केंद्र आदि स्थापित करने निजी निवेश को प्रोत्साहन और भूमि देने का प्रावधान भी नीति में किया गया है। फिल्म सिटी के निर्माण के लिए विभिन्न जिलों में भूमि भी आरक्षित की जा रही है। अभी तक प्रदेश में 100 से ज्यादा फिल्म, सीरियल और वेब सीरीज की शूटिंग हो चुकी है।
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दूसरी बार मोस्ट फ्रेंडली स्टेट
मध्यप्रदेश में बुनियादी ढाँचा तैयार कर फिल्म निर्माताओं को यहाँ निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे प्रदेश को देश और दुनिया में नई पहचान मिल रही है। राज्य सरकार ने फिल्म पर्यटन नीति लागू कर अपनी प्रतिबद्धता को दिखा दिया है। हाल के वर्षों में सरकार द्वारा शूटिंग की अनुमति को आसान बनाया गया है, जिससे प्रदेश में फिल्म निर्माताओं की रूचि बढ़ी है। राज्य सरकार फिल्मों को प्रोत्साहन दे रही है, जिसके अन्तर्गत थीम पार्क और सेल्फी पॉइंट भी बनाये जा रहे हैं। मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में लगातार हो रही शूटिंग के चलते ही हाल ही में 68 वें राष्ट्रीय फिल्म में मध्यप्रदेश ने 13 राज्यों को पीछे छोड़ते हुए को दूसरी बार मोस्ट फ्रेंडली स्टेट का दर्जा पाया। इसका कारण यहाँ की बेस्ट लोकेशन और सरकार से मिलने वाली सब्सिडी और शूटिंग के लिए सिंगल विंडो परमिशन है।