आदिवासी दिवस पर स्थानीय अवकाश घोषित कर वापस लेने से आदिवासी नाराज़ 

आदिवासी दिवस पर स्थानीय अवकाश घोषित कर वापस लेने से आदिवासी नाराज़ 

विश्व आदिवासी दिवस पर अवकाश घोषित नहीं किए जाने के विरोध में मुखर हुआ जिले का आदिवासी समाज

8 अगस्त को भूख हड़ताल करेंगे बिछिया, निवास, डिंडोरी व शहपुरा विधायक

मण्डला - आदिवासी मूलनिवासी समाज की पहचान और अस्तित्व के पर्व विश्व आदिवासी मूलनिवासी दिवस को लेकर जिले का आदिवासी मूलनिवासी समाज अब मुखर हो गया है और वर्तमान भाजपा सरकार की आदिवासी विरोधी नीतियों का खुलकर विरोध कर रहा है। इसी तारतम्य में शनिवार को जिला मुख्यालय में एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। बिछिया विधायक नारायण सिंह पट्टा व निवास विधायक डॉ अशोक मर्सकोले सहित आदिवासी मूलनिवासी समाज संगठनों के प्रतिनिधियों ने बताया कि विश्व आदिवासी मूलनिवासी दिवस के आयोजन को लेकर प्रदेश की वर्तमान भाजपा सरकार की आदिवासी मूलनिवासी विरोधी मानसिकता स्पष्ट उजागर हो रही है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने विश्व भर में निवासरत आदिवासी मूलनिवासी समुदाय की पहचान, भाषा, संस्कृति, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार के संरक्षण के वचन स्वरूप सम्पूर्ण विश्व में इसकी घोषणा की थी। तब से लेकर अबतक यह दिन आदिवासी मूलनिवासी समुदाय की पहचान के रूप में मनाया जाता है। पर्व के रूप में इसका आयोजन होता है। पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार ने इस हेतु सम्पूर्ण प्रदेश में अवकाश घोषित कर एक पर्व के रूप में शासकीय रूप से भी इसका आयोजन कराया जाना प्रारम्भ किया था लेकिन वर्तमान सरकार ने इसका आयोजन तो दूर इस दिन के लिए घोषित अवकाश तक निरस्त कर दिया है। मप्र की सरकार ने 28 नवंबर 2020 को प्रकाशित अपने राजपत्र में पहले तो 9 अगस्त को अवकाश घोषित किया था लेकिन अचानक से 14 दिसंबर 2020 को इस घोषित अवकाश को निरस्त कर दिया गया और 26 दिसंबर 2020 को नया राजपत्र घोषित किया गया जिसमें आदिवासी दिवस की छुट्टी का उल्लेख नहीं था। वही कार्य मण्डला जिले में जिले की कलेक्टर के द्वारा किया गया। 4 अगस्त को जिले के आदिवासी मूलनिवासी समाज संगठनों की बैठक में अवकाश घोषित किये जाने का निर्णय लिया गया फिर 5 अगस्त को अवकाश घोषित भी किया गया लेकिन अचानक 2 घंटे बाद ही भाजपा सरकार के दबाब में उस घोषित अवकाश को निरस्त कर दिया गया। भाजपा सरकार का यह कृत्य शर्मनाक तो है ही साथ ही इससे उनकी आदिवासी मूलनिवासी समुदाय के प्रति घृणा और विरोधी मानसिकता भी उजागर होती है। भाजपा की सरकार के इस कृत्य से आदिवासी मूलनिवासी समाज संगठनों और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा व अपमान हुआ है जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है। इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि अपनी पहचान और अस्तित्व के इस पर्व को मनाने के लिए हमें किसी सरकार या प्रशासन की जरूरत नहीं है अब इस उत्सव को हम लोग गांव गांव घर घर मनाएंगे, ज्यादा से ज्यादा वृहद आयोजन होंगे। जिले से लेकर ब्लॉक और गांव गांव तक उमंग और उल्लास से विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाएगा। इस हेतु बिछिया विधायक नारायण सिंह पट्टा, निवास विधायक डॉ अशोक मर्सकोले, डिंडोरी विधायक ओमकार सिंह मरकाम, शहपुरा विधायक भूपेंद्र मरावी आज 8 अगस्त को जिला मुख्यालय में रानी दुर्गावती स्मारक पर भूख हड़ताल करेंगे जिसके माध्यम से अंतिम बार अवकाश की मांग की जाएगी। 

अवकाश घोषित कर वापस लेना निंदनीय - अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी
अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी के जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह सिरश्याम ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ (न्छव्) द्वारा 9 अगस्त को विश्वभर में निवासरत आदिवासी समुदाय की पहचान, भाषा, संस्कृति, शिक्षा, स्वास्थ एवं रोजगार आदि के संरक्षण हेतु वचन दिया था। तब से हर वर्ष आदिवासी समुदाय द्वारा 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस को पर्व के रूप में मनाते आ रहे हैं। इस दिन समस्त आदिवासी समुदाय द्वारा सामाजिक चिंतन एवं समीक्षा की जाती है। मण्डला जिले में आयोजित, सांस्कृतिक कार्यक्रम की भव्यता के मद्देनजर इस दिन शासकीय अवकाश और उससे पूर्व कलेक्टर द्वारा स्थानीय अवकाश घोषित होता आया है। पूर्व में शासन द्वारा 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस को सम्पूर्ण प्रदेश में शासकीय अवकाश घोषित किया गया था किन्तु वर्तमान सरकार द्वारा 28 नवम्बर 2020 को इसे परिवर्तित कर ऐच्छिक अवकाश घोषित किया गया हे। कार्यक्रम की रूपरेखा तय करने जिला कलेक्टर मण्डला द्वारा 04.08.2021 सर्व आदिवासी समाज संगठनों के पदाधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक ली गई। जिसमें कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए कार्यक्रम आयोजित किये जाने एवं समस्त विकास खण्ड एवं ग्राम पंचायतों स्तर पर प्रशासन के सहयोग से वृक्षारोपण आदि का कार्य तय किया गया था और दिनांक 05.08.2021 को स्थानीय अवकाश घोषित किया गया। लेकिन अचानक 2 घंटे बाद बिना किसी सूचना के घोषित अवकाश निरस्त कर सर्व आदिवासी सामाजिक संगठन प्रतिनिधि/जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा और अपमान किया गया है। इससे यह समझ आता है कि जिला कलेक्टर द्वारा राजनीतिक दबाव के चलते आदिवासी विरोधी निर्णय लिया गया है, जो समझ से परे है। तत्संबंध में सर्वआदिवासी समुदाय द्वारा जिला कलेक्टर मण्डला की घोर निंदा करते हैं। सर्व आदिवासी समुदाय द्वारा 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस पूर्णतः कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए हर्ष उल्लास के साथ ग्राम पंचायत, विकासखण्ड और जिला स्तर पर पर्व मनाया जायेगा। 

ये रहे उपस्थित -
इस पत्रकार वार्ता के दौरान बिछिया विधायक नारायण सिंह पट्टा, निवास विधायक डॉ अशोक मर्सकोले,एस आर गौंड, गुलाब सिंह मरदरिया, संतु लाल मरावी, धनुआ उइके, कमलेश तिलगाम, कमलेश तेकाम, कालू राम रौतिया, एनपी वरकड़े, जमुना उइके, वंदना तेकाम, राजेन्द्र धुर्वे, अरविंद कुशराम, बोधु सिंह मरावी, माखन उइके, राधेलाल नरेटी, सुरेंद्र सिरसाम सहित जिले के आदिवासी मूलनिवासी समाज संगठनों के समस्त पदाधिकारी व आदिवासी मूलनिवासी समाज के जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति रही।