उमा भारती का शिवराज सरकार को अल्टीमेटम, प्रदेश में शराब बंदी नहीं हुई तो सड़क पर आ जाऊंगी

उमा भारती का शिवराज सरकार को अल्टीमेटम, प्रदेश में शराब बंदी नहीं हुई तो सड़क पर आ जाऊंगी

भोपाल। मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती ने शराबबंदी को लेकर अपनी ही सरकार को चेतावनी दी हैं। उमा ने शिवराज सरकार को दिए अल्टीमेंटम में कहा है कि पांच महीने तक शराब बंदी अभियान चलाऊंगी और 15 जनवरी से शराब बंदी करवा कर रहूंगी। यदि प्रदेश सरकार शराब बंदी नहीं करेगी तो फिर से सड़क पर आ जाऊंगी। पूर्व सीएम के बयान के बाद कांग्रेस पार्टी ने समर्थन किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने उमा के बयान का समर्थन व स्वागत करते हुए कहा, उनकी इस घोषणा पर कांग्रेस उनके साथ है।  

सलूजा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती जी, आपने 15 जनवरी तक प्रदेश में शराबबंदी करने की बात कही है और सड़कों पर आने की बात कही है, लेकिन इसके पहले 2 फ़रवरी 21 को भी आपने घोषणा कर कहा था कि 8 मार्च महिला दिवस से आप नशामुक्ति अभियान प्रारम्भ करेंगी, लेकिन आपका अभियान चला ही नहीं, आप घोषणा कर न जाने कहां ग़ायब हो गयी और शिवराज सरकार ने भी आपकी इस घोषणा पर कोई निर्णय नहीं लिया , उलटा उसके बाद प्रदेश में शराब माफ़ियाओ के क़हर से कई बेगुनाह लोगों की जाने गयी। खैर, अब देखना है कि शराब बंदी के लिए आपकी दूसरी बार की गई यह घोषणा मैदानी होगी या कागजी साबित होगी?

सबकुछ हो गया बर्बाद
सलूजा ने कहा कि देश में कोरोना महामारी में लाखों लोग काल कवलित हो गये, लोगों की नौकरियां चली गई, मजदूर पलायन कर गये, काम धंधे ठप्प हो गये लेकिन शिवराज सरकार में अवैध व ज़हरीली शराब का कारोबार चरम पर रहा।लोगों को राशन मिले या न मिले लेकिन शराब की दुकानें जरूर खुली मिलती रही। शिवराज सरकार का कोरोना काल में भी शराब प्रेम सभी ने देखा। देखना यह है कि आपकी आंदोलन की इस घोषणा के बाद अब ऊंट किस करवट बैठेगा, सरकार उसे फैल करने के लिए अब क्या कदम उठायेगी?

सलूजा ने कहा उमा भारती जी आप शिवराज सरकार के खिलाफ सड़कों पर आइये, हम आपके साथ हैं। शिवराज सरकार में आज प्रदेश में शराब माफ़ियाओ के होसले बुलंद हैं। प्रदेश में ज़हरीली शराब से 70 से अधिक मौतें अभी-अभी हो चुकी है। ख़ुद आबकारी मंत्री के क्षेत्र में ज़हरीली शराब धड़ल्ले से बिक रही है। आप शराबबंदी को लेकर अपनी घोषणा पर क़ायम रहिये, सड़कों पर आइये, हम आपके साथ है, बस आपकी यह घोषणा इस बार भी घोषणा ही बन कर ना रह जाए?