लंदन
फेसबुक डेटा कांड के लिए विवादों में रही ब्रिटिश कंपनी कैंब्रिज एनालिटिका ने अपना सारा कामकाज तत्काल प्रभाव से आज बंद करने की घोषणा की। कंपनी ने ब्रिटेन और अमेरिका में स्वयं को दिवालिया घोषित करने के लिए आवेदन देने की भी घोषणा की है।
कंपनी ने एक बयान में कहा, यह तय किया गया है कि अब व्यवसाय में बने रहने की कोई संभावना नहीं है। कंपनी पर फेसबुक के करोड़ों यूजर्स की निजी जानकारी का दुरूपयोग करने का आरोप है।
कैंब्रिज एनालिटिका + अमेरिका की एक बिग डेटा अनैलेसिस फर्म है। यह चर्चा में तब आई जब इसने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डॉनल्ड ट्रंप के लिए काम किया। गौरतलब है कि 2016 में अमेरिकी चुनाव में डॉनल्ड ट्रंप की अप्रत्याशित जीत का श्रेय कैंब्रिज एनालिटिका को भी दिया गया। कैंब्रिज एनालिटिका एक सरकारी और सैन्य ठेकेदार SCL ग्रुप का हिस्सा है, जो खाद्य सुरक्षा अनुसंधान से लेकर राजनीतिक मसलों पर काम करता है। न्यू यॉर्क टाइम्स के मुताबिक, कैंब्रिज एनालिटिका की स्थापना अमेरिका में होने वाले चुनावों को ध्यान में रखकर साल 2013 में की गई थी। ट्रंप से पहले इस कंपनी ने रिपब्लिकन सेनेटर टेड क्रूज के लिए काम किया था।
कैंब्रिज एनालिटिका राजनीतिक और कॉर्पोरेट ग्राहकों को उपभोक्ता अनुसंधान से लेकर, लक्ष्य आधारित ऐडवर्टाइजिंग और अन्य डेटा-संबंधित सेवाएं देती है। इस कंपनी के कई जगहों पर ऑफिस हैं, जिनमें न्यू यॉर्क, वॉशिंगटन, लंदन, ब्राजील और मलेशिया शामिल हैं। कैंब्रिज एनालिटिका जैसी बिग डेटा सर्विस देने वाली कंपनी के संस्थापक क्रिस्टोफर वाइली ने 2016 में इसके काम करने के तरीकों का खुलासा किया था।
हालांकि वाइली ने 2014 में ही इस कंपनी को छोड़ दिया था। वाइली ने अब खुलासा किया है कि कैसे 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स की निजी जानकारियों को अवैध तरीके से हासिल उनकी पसंद-नापसंद के आधार पर वोटर बेस को मैनिप्युलेट करने का काम किया गया।