CM भूपेश बघेल का ट्वीट- नक्सल प्रभावित गांव में शिक्षा की नई रोशनी फैला रही है सरकार

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के अतिसंवेदनशील इलाके जगरगुंडा में 13 साल बाद बीते 24 जून को बंद स्कूल को खोला गया. यहां 13 वर्षों से बंद पड़े हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल में अब फिर से पढ़ाई शुरू करवाई गई है. घोर नक्सल प्रभावित इस इलाके में फिर से स्कूल शुरू करने को राज्य सरकार एक बड़ी कामयाबी मान रही है. इसको लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक ट्वीट किया है.
सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर लिखा- सुकमा जिले के घोर नक्सल प्रभावित गांव जगरगुण्डा के 13 साल पहले ध्वस्त किए गए स्कूल भवनों का 6 माह के अल्पकाल में पुनर्निर्माण कर राज्य सरकार ने शिक्षा की नई रौशनी फैला दी है. स्कूलों का कायाकल्प होने से जगरगुण्डा और इसके आसपास के चौदह गांवों के बच्चों को अच्छी शिक्षा की आस जगी है.
मंत्री ने बांटी थीं किताबेंसुकमा जिले के घोर नक्सल प्रभावित गाँव जगरगुण्डा के 13 साल पहले ध्वस्त किए गए स्कूल भवनों का 6 माह के अल्पकाल में पुनर्निर्माण कर राज्य सरकार ने शिक्षा की नई रौशनी फैला दी है। स्कूलों का कायाकल्प होने से जगरगुण्डा और इसके आसपास के चौदह गांवों के बच्चों को अच्छी शिक्षा की आस जगी है pic.twitter.com/d7gklaBdQv
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) 28 June 2019
राज्य सरकार में मंत्री कवासी लखमा ने 24 जून को स्कूल भवन का उद्घाटन किया और उसके बाद बच्चों को किताबें व पढ़ाई से जुड़ी अन्य सामग्रियां भी बांटी. हायर सेकेंडरी स्कूल, बालक आश्रमशाला, बालक और कन्या छात्रावास के शुभारम्भ से छत्तीसगढ़ में इसी दिन 'स्कूल चलें हम अभियान' की शुरुआत की गई. इसके तहत ही जगरगुंडा में भी बंद पड़े स्कूल को खोला गया. यहां अब नियमित रूप से कक्षाएं लगाने के निर्देश भी शिक्षकों को दिए गए हैं. साथ ही बच्चों और स्कूल स्टाफ की सुरक्षा के भी बेहतर इंतजाम करने के निर्देश भी दिए गए हैं.
नक्सलियों की दहशत
बता दें कि छत्तीसगढ़ में सुकमा जिले का जगरगुंडा उन इलाकों में शामिल हैं, जहां सबसे ज्यादा नक्सल प्रभाव है. इस इलाके में आमतौर पर लोगों का आना जाना भी नहीं होता है. इसे नक्सलगढ़ भी कहा जाता है. इस इलाके में नक्सलियों ने 13 साल पहले स्कूल भवन को आईईडी ब्लास्ट कर उड़ा दिया था. तब से यहां पढ़ाई बंद थी. अब सरकार ने नए सिरे से भवन बनाकर फिर से यहां पढ़ाई शुरू करवाने की कवायद की है.