इलेक्ट्रानिक मीडिया में राजनीतिक विज्ञापन प्रसारित करने से पहले एमसीएमसी द्वारा प्रमाणीकरण अनिवार्य
कवर्धा
विधानसभा निर्वाचन 2018 के दौरान मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल, मान्यता प्राप्त अराजनीतिक दल, राजनैतिक संगठन, व्यक्तियों का समूह, ट्रस्ट, एकल प्रत्याशी एवं कोई अन्य व्यक्ति द्वारा इलेक्ट्रानिक मीडिया में विज्ञापन प्रसारित करने से पहले मीडिया प्रमाणन एवं मीडिया निगरानी समिति (एमसीएमसी) से प्रमाणीकरण अनिवार्य होगा। इसके लिए उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय एमसीएमसी गठन किया गया है। एमसीएमसी द्वारा सार्वजनिक मीडिया में राजनीतिक विज्ञापन की जांच के बाद प्रकाशन-प्रसारण की अनुमति दिया जाएगा।
केबल टीवी या टीवी चैनल पर, रेडियो (निजी एफएम), सिनेमा घर, ई-समाचार पत्र, बल्क एसएमएस सार्वजनिक स्थलों पर दृश्य-श्रव्य माध्यम से कोई भी राजनीतिक विज्ञापन समिति द्वारा प्रमाणित करने के बाद ही दिखाए जा सकेगें। पूर्व प्रमाणन की आवश्कता सभी राजनीतिक दलों/ राजनैतिक समुहों एवं प्रत्याशियों पर लागू होगी एवं बाध्यकारी होगी।
प्रमाणन का मूल आधार आदर्श आचार संहिता के पालन से जुड़ा है, ऐसा कोई भी विज्ञापन नहीं दिखाया जाएगा जो- सामाजिक समरसता को बिगाड़ने अथवा तनाव को बढ़ाने वाला हो, शांति भंग करने वाला हो, देश के संविधान और कानून के विपरीत हो, नैतिकता, सदाचार के विपरीत हो और किसी की धार्मिक आस्था को ठेस पहंुचने वाला हो। कोई भी राजनैतिक दल अथवा प्रत्याशी को निर्धारित प्रारूप में अपना आवेदन प्रस्तावित विज्ञापन की डिजिटल प्रति और दो प्रतियांे में उसका प्रतिलेख (ट्रांसक्रिप्शन) प्रसारण प्रारंभ होने की निर्धारित तिथि से कम से कम तीन दिन पूर्व यथास्थिति राज्य प्रमाणन समिति अथवा विहित अधिकारी को प्रस्तुत करेगा। किसी अन्य व्यक्ति/अनिबंधित राजनैतिक दल/संगठन/समूह/ट्रस्ट के लिए यह समय सीमा कम से कम सात दिन पूर्व होगी।
संबंधित प्रमाणन समिति अथवा विहित अधिकारी अधिकतम दो दिन में इस पर निर्णय लेगी। समिति प्रस्तावित विज्ञापन में किसी संशोधन अथवा विलोपन का निर्देश दे सकती है, ऐसे में आवेदक 24 घंटे के भीतर सुझाये अनुसार संशोधित प्रारूप प्रमाणन हेतु प्रस्तुत करेगा। संतोष जनक नहीं पाये जाने पर आवेदन निरस्त भी किया जा सकता है। समिति द्वारा संतुष्ट होने पर निर्धारित प्रारूप में अनुमति देगी। अनुमति देने का एक मात्र आधार प्रस्तावित विज्ञापन के आदर्श आचार संहिता एवं सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशो के अनुरूप होना है। अनुमति का अर्थ विज्ञापन में कही गई बातांे, आंकड़ों और तथ्यों की पुष्टि करना नहीं है। किसी विज्ञापन के कारण होने वाले किसी नुकसान, हानि अथवा चोट के लिए समिति जिम्मेदार नहीं होगी। समिति के निर्णय के विरूद्ध मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ से अपील की जा सकती है।