बच्चों के घर विराजेंगे इको फ्रैंडली गणपति

बच्चों के घर विराजेंगे इको फ्रैंडली गणपति

बच्चों के घर विराजेंगे इको फ्रैंडली गणपति

किड्जी स्कूल में बच्चों दी जा रही पर्यावरण की सीख

जिला प्रशासन ने प्रतिमाओं में पीओपी एवं रासायनिक रंगो का इस्तेमाल प्रतिबंधित

eco-friendly-ganpati-will-reside-in-childrens-homes Syed Javed Ali मंडला - बिनेका तिराहा स्थित किड्जी स्कूल में दो दिवसीय मिट्टी के गणपति बनाने की कार्यशाला का आयोजन किया गया। विद्यालय प्रबंधन के अनुसार कक्षा के जी 1 और के जी 2 के बच्चो को मिट्टी के गणपति बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। बच्चो को प्लास्टर ऑफ पेरिस से पर्यावरण को होने वाले नुकसान से अवगत करवाया गया। विद्यालय के बच्चों ने अपने घरों में इन्हीं इको फ्रैंडली गणपति को विराजमान करने का संकल्प लिया। विद्यालय शिक्षिकाओं के द्वारा बच्चों को घर में ही मिट्टी से बने गणपति जी को गमले में विसर्जित करने को प्रेरित किया गया। गत वर्ष की ही भांति इस वर्ष भी बच्चों ने इस कार्यशाला में उत्साह के साथ भाग लिया एवम् घर ले जाकर ये मूर्तिया अपने परिजनों को उपहार स्वरूप प्रदान की। बच्चो के परिजनों ने भी इस प्रकार की गतिविधियों में बच्चों की भागीदारी बढ़ाने के लिए विद्यालय प्रबंधन का धन्यवाद दिया। eco-friendly-ganpati-will-reside-in-childrens-homes बेटे अथर्व के जन्मदिवस पर पिता ने बांटे पौधे - किड्जी स्कूल में बच्चों एवं उनके अभिभावकों में पर्यावरण के प्रति रुचि एवं जागरूकता हेतु एक अनूठी पहल की गई। विद्यालय के अध्ययनरत नन्हे छात्र अथर्व अग्रवाल की द्वितीय वर्षगांठ पर उसके माता पिता अंजली एवं वैभव अग्रवाल द्वारा सहपाठी भाई बहनों को पौधों का वितरण किया गया। इन्होंने पौधे घर पर ही छोटे - छोटे गमलों में 15 दिन पहले से ही लगाना शुरू कर दिया था। प्रिंसिपल पूनम तोमर एवं डायरेक्टर सुमित सिहारे द्वारा बच्चों को पेड़ पौधों एवं प्रकृति के संरक्षण के लिए प्रेरित किया गया। बच्चों को बताया गया कि पर्यावरण का संरक्षण प्राणी मात्र के अस्तित्त्व के लिए अत्यंत आवश्यक है। नंन्हे मुन्नों को चित्रों के माध्यम पर्यावरण में पेड़ों का महत्व बताया गया। एक पौधा स्कूल प्रांगण में ही रोपित करके पौधों के संरक्षण के सरल उपाय बता कर अभी से प्रकृति संरक्षण के संस्कार डाले जा रहे हैं। इस अवसर पर विद्यालय का सहयोग सराहनीय रहा। प्रतिमाओं में पीओपी एवं रासायनिक रंगो का इस्तेमाल प्रतिबंधित - कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने नदी, तालाबों और झील को प्रदूषण से बचाने तथा राष्ट्रीय हरित अधिकरण सेन्ट्रल जोन बैंच भोपाल के निर्देशों एवं केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नई दिल्ली द्वारा जारी गाईड लाईन के परिपेक्ष्य में मण्डला जिले के प्रतिमाओं के निर्माण में प्लास्टर ऑफ पेरिस तथा रासायनिक एवं विषाक्त रंगो के इस्तेमाल को दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत् आदेश जारी कर प्रतिबंधित कर दिया गया है। प्रतिबंधात्मक आदेश में कहा गया है कि जिले में केवल परंपरागत मिट्टी और प्राकृतिक रंगों से निर्मित प्रतिमाओं का ही उत्पादन व विक्रय किया जा सकेगा। प्लास्टर ऑफ पेरिस या किसी भी प्रकार के केमिकल एवं रासायनिक वस्तुओं का उपयोग मूर्ति निर्माण में किया जाना प्रतिबंधित किया जाता है। अगर रासायनिक पदार्थों से प्रतिमाओं के निर्माण का मामला प्रकाश में आता है, तो तत्काल स्थानीय निकाय इस प्रकार की प्रतिमा को अपने कब्जे में लेकर नियमानुसार उसका निपटान करेंगे। आदेश के मुताबिक प्रतिमाओं का विसर्जन के लिये बनाये गये विसर्जन कुण्डों एवं अधिकृत तालाबों पर ही किया जा सकेगा। प्रतिबंधात्मक आदेश में कहा गया है कि इन स्थानों पर भी प्रतिमाओं के सिर्जन के पूर्व पूजन सामग्री जैसे- फल, फूल, नारियल, आभूषण एवं प्लास्टिक से निर्मित सजावट के सामान को अलग-अलग एकत्रित किया जायेगा तथा इन सामग्रियों का निपटान ठोस अपशिष्ट नियम-2000 के प्रावधान के अनुसार स्थानीय निकायों द्वारा किया जायेगा। प्रतिबंधात्म्क आदेश में जिला दण्डाधिकारी ने कहा है कि प्रतिमाओं के निसर्जन के 24 घण्टे के भीतर विसर्जित मूर्ति एवं प्रतिमाओं से उत्पन्न उपशिष्ट जैसे- बांस, रस्सी, मिट्टी, पीओपी आदि हिस्सों को एकत्रित कर उनका निपटान स्थानीय नगरीय निकायों द्वारा किया जावेगा। जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी प्रतिबंधात्मक आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। आदेश में कहा गया है इसका उल्लंघन भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 188 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध होगा।