राष्ट्र को एक सूत्र में बांधने का सर्वोच्च माध्यम है हिंदी - फग्गन सिंह कुलस्ते
कान्हा में एक दिवसीय राष्ट्रीय हिंदी संगोष्ठी संपन्न
Syed Javed Ali
मंडला - इस्पात मंत्रालय भारत सरकार मॉयल लिमिटेड नागपुर द्वारा कान्हा में एक दिवसीय राष्ट्रीय हिंदी संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने संगोष्ठी के उद्घाटन अवसर पर कहा की हिंदी भाषा को जन-जन की भाषा बनाने के लिए आजादी के पूर्व से ही न केवल हिंदी भाषी क्षेत्र के लोग बल्कि जिन क्षेत्रों में हिंदी नहीं बोली जाती थी। वहां के बड़े-बड़े लेखकों पत्रकार कवियों ने अपने अपने माध्यम से हिंदी को सर्वव्यापी बनाने का उत्कृष्ट कार्य किया है। महात्मा गांधी जी ने हिंदी को ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध एक शसक्त माध्यम के रूप में उपयोग किया था फग्गन सिंह कुलस्ते ने राष्ट्रीय लेखक मुंशी प्रेमचंद के साहित्य एवं डॉक्टर श्याम प्रसाद मुखर्जी के द्वारा आजादी के पूर्व हिंदी में लिखें पत्रों व पत्राचारों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि देश के कोने कोने से लेखकों विचारकों ने हिंदी को राष्ट्र को एक सूत्र में बांधने का उचित माध्यम समझा था। आज यही कारण है की हिंदी भाषा न केवल देश में बल्कि दुनिया की एक समृद्ध भाषा के रूप में जानी पहचानी जाने लगी है। इस्पात मंत्रालय द्वारा हिंदी को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय संगोष्ठी के माध्यम से लगातार उलेखनीय कार्य करने में अग्रणी है। उन्होंने कहा विदेशों के लोग भी आज हिंदी सीखने बोलने और उसमें काम करने रुचि रखते हैं। देश के अनेक हिंदी समाचार चैनल हिंदी समाचार पत्र मैं हिंदी साहित्य को अच्छा स्थान मिल रहा है उसे देखने और पढ़ने वालों की संख्या भी निरंतर बढ़ती जा रही है। आज के बदलते डिजिटल युग में हिंदी को एक अच्छा स्थान मिला है। उसका प्रचलन तेजी के साथ बढ़ रहा है। हमें सभी भाषाओं का सम्मान करना चाहिए लेकिन हिंदी हमारी मातृभाषा है इसलिए इसके लगातार विकास के लिए हमें तरह-तरह के माध्यमों से कार्य करते रहना चाहिए। हिंदी के क्षेत्र में अनेक बड़े-बड़े विद्वानों ने शोध के कार्य किए हैं शैक्षणिक संस्थाओं में भी तकनीकी शिक्षा को हिंदी के माध्यम से पढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। सिर्फ हिंदी ही ऐसी भाषा है जिसे सरलता और शीघ्रता से सीखी जा सकती है। इस अवसर पर राज्यसभा सांसद श्रीमती संपतिया उइके ने कहा कि हमें अपनी क्षेत्रीय भाषा के साथ साथ हिंदी भाषा को बढ़ावा देने में हमेशा आगे रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले सरकारी संस्थानों बैंक आदि में हिंदी भाषा का उपयोग कम होता था जिसके कारण आम नागरिकों को ग्रामीण जनों को अपना कार्य करने में और समझने में काफी तकलीफ होती थी। लेकिन जब से सरकार ने जनता से जुड़े संस्थानों में हिंदी का उपयोग करना सुनिश्चित किया है जिससे आम लोग आज अपने कार्य करने में दक्ष हो गए हैं। आज कंप्यूटर युग में हिंदी का उपयोग होने से लोगों को हिंदी के प्रति रुझान भी बढ़ रहा है और नई तकनीकी को समझने में भी सरलता हो रही है। श्रीमती सम्पतिया उइके ने इस्पात मंत्रालय की पहल से आयोजित मंडला में संगोष्ठी की सराहना की कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर मॉयल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक मुकुंद पी चौधरी एवं संयुक्त सचिव श्रीनिवास ने संगोष्ठी की एवं इस्पात मंत्रालय द्वारा हिंदी के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों का उल्लेख किया। इस अवसर पर मॉयल की गृह पत्रिका मॉयल भारती का भी विमोचन इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते एवं राज्यसभा सांसद श्रीमती सम्पतिया उयके सहित मंच पर उपस्थित अधिकारियों ने किया। इस अवसर पर उषा सिंह निदेशक मानव संसाधन, निज सचिव राज्यमंत्री अनिल कुमार अतिरिक्त निज सचिव देवेंद्र दुबे देवानंद उयके वीरेन्द्र नामदेव , भाजपा जिला अध्यक्ष भीष्म द्विवेदी, जिला मीडिया प्रभारी सुधीर कसार, संदीप सिंह विवेक अग्निहोत्री सहित बड़ी संख्या में संगोष्ठी में आए प्रतिनिधिगण, कवि व कर्मचारी अधिकारीगण उपस्थित थे।