IMF ने घटाया भारत की विकास दर का अनुमान
अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने कहा है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर इस साल सुस्त रहेगी। आईएमएफ का मानना है कि व्यापार को लेकर बढ़ते तनाव से परिदृश्य को लेकर जोखिम बना हुआ है। आईएमएफ ने विश्व आर्थिक परिदृश्य (डब्ल्यूईओ) को अद्यतन करते हुए इस साल और अगले साल वैश्विक वृद्धि दर 3.9 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। हालांकि जर्मनी, फ्रांस और जापान के वृद्धि दर के अनुमान को कम किया गया है।
आईएमएफ के अनुसार, तेल की ऊंची कीमतें और सख्त मौद्रिक नीति इस कटौती की मुख्य वजहें हैं। इसमें कहा गया है कि चालू साल में अमेरिकी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2.9 प्रतिशत रहेगी, जबकि चीन के लिए 6.6 प्रतिशत की वृद्धि दर के अनुमान को कायम रखा गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि निकट भविष्य में देशों द्वारा एक दूसरे पर लगाए गए अरबों डॉलर के शुल्कों का प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा। आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री मॉरिस आब्सट्फेल्ड ने कहा, ‘‘निकट भविष्य में वैश्विक वृद्धि के लिए सबसे बड़ा खतरा मौजूदा व्यापार तनाव का और बढना तथा इससे भरोसे, संपत्ति मूल्य और निवेश का डगमगाना है।’’ आईएमएफ ने चेताया है कि यदि शुल्कों का जोखिम आगे जारी रहता है तो 2020 तक वृद्धि आधा प्रतिशत अंक घट जाएगी।
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