INX मीडिया मामले में CBI ने मांगी चिदंबरम की हिरासत

नई दिल्ली 
सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने INX मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम से पूछताछ के लिए उनकी हिरासत की मांग की है। दिल्ली हाई कोर्ट में चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए CBI ने मंगलवार को कहा कि चिदंबरम ने जांच में सहयोग नहीं किया है। CBI का कहना था कि 6 जून को पूछताछ के दौरान चिदंबरम सवालों का जवाब देने से बचते रहे। CBI ने कहा कि सच सामने लाने के लिए हिरासत में पूछताछ करने की जरूरत है। हालांकि, हाई कोर्ट ने चिदंरबम की गिरफ्तारी से अंतरिम राहत की अवधि बढ़ाकर 1 अगस्त कर दी। उनकी अग्रिम जमानत पर सुनवाई 2 अगस्त को दोबारा शुरू होगी। 
 
सीबीआई की ओर से दाखिल की गई एफआईआर में चिदंबरम का नाम नहीं था। पूर्व वित्त मंत्री ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया था। उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को CBI ने इस मामले में गिरफ्तार किया था और अभी वह जमानत पर हैं। एफआईआर में CBI ने आरोप लगाया था कि कार्ति ने वित्त मंत्रालय के अधिकारियों पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर आइएनएक्स मीडिया की ओर से किए गए अवैध विदेशी निवेश का मामला दबा दिया था। एफआईआर में बताया गया था कि अधिकारियों ने आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश के लिए नई मंजूरी मांगने की अनुमति दी थी, जबकि कंपनी पहले ही यह निवेश अपने कब्जे में कर चुकी थी। आईएनएक्स मीडिया के मालिक इंद्राणी और पीटर मुखर्जी थे। ये दोनों शीना बोरा हत्या मामले में आरोपी हैं। 

INX को फॉरन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) ने मई 2007 में 4.62 करोड़ रुपये के निवेश के लिए स्वीकृति दी थी। FIPB ने यह स्पष्ट किया था कि कंपनी में 'डाउनस्ट्रीम इन्वेस्टमेंट' के लिए अलग स्वीकृति की जरूरत होगी। डाउनस्ट्रीम इन्वेस्टमेंट एक भारतीय कंपनी की ओर से अन्य में सब्सक्रिप्शन या शेयर्स खरीदने के जरिए इनडायरेक्ट फॉरन इन्वेस्टमेंट होता है। कंपनी ने कथित तौर पर डाउनस्ट्रीम इन्वेस्टमेंट किया था और INX मीडिया में 305 करोड़ रुपये से अधिक का फॉरन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट हासिल किया था, जबकि कंपनी को 4.62 करोड़ रुपये के इनवेस्टमेंट के लिए ही स्वीकृति मिली थी।