JAI: हिंद-प्रशांत पर नजर, पहली बार हुई भारत-जापान-अमेरिका की त्रिपक्षीय बैठक

JAI: हिंद-प्रशांत पर नजर, पहली बार हुई भारत-जापान-अमेरिका की त्रिपक्षीय बैठक

नई दिल्ली 
अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूसन आयर्स में जी 20 सम्मेलन में शामिल होने गए पीएम नरेंद्र मोदी भू-राजनीति के लिहाज से एक अहम बैठक का हिस्सा बने। पहली बार भारत-जापान और अमेरिका की त्रिपक्षीय बैठक हुई। इस बैठक में पीएम मोदी के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और जापान के पीएम शिंजो आबे शामिल हुए। इन नेताओं के बीच सामरिक लिहाज से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर चर्चा हुई। बता दें कि चीन हिंद-प्रशांत में अपना वर्चस्व स्थापित करने की कोशिशों में जुटा हुआ है। इस बैठक में तीनों देशों ने एक बार फिर ओपन और फ्री इंडो-पसिफिक की वकालत की है। हिंद-प्रशांत के रणनीतिक महत्व और चीन की आक्रामक नीतियों को देखते हुए इससे पहले क्वॉड (चार देशों- भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया का समूह) बनाया गया था। इस क्षेत्र में चीन को काउंटर करने के लिए भारत एक अहम भूमिका निभा रहा है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र से जुड़ी चिंताओं के बीच ही इस अहम बैठक को अंजाम दिया गया है। इस बैठक में तीनों देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के विकास और शांति के लिए मुक्त, खुली, समावेशी और नियम आधारित व्यवस्था की बात की है। 

शुक्रवार को इस बैठक के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर इसे जय (JAI) शिखर सम्मेलन का नाम देते हुए ऐतिहासिक और शानदार शुरुआत बताया। पीएम मोदी ने लिखा कि इस बैठक में शिंजो आबे और ट्रंप के साथ संपर्क सुविधाएं बढ़ाने, समुद्री क्षेत्र में सहयोग और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता के बारे में बातचीत हुई। पीएम मोदी ने कहा कि, 'जब आप अपने इन तीन देशों-जापान, अमेरिका और भारत के संक्षिप्त अंग्रेजी नाम पर गौर करें तो यह जय (JAI) बनेगा जिसका हिंदी में मतलब सफलता है।' पीएम मोदी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए पांच सूत्रीय कार्यक्रम का सुझाव भी दिया। भारत ने इस बैठक में रणनीतिक रूप से अहम इस क्षेत्र में सभी देशों की संप्रभुता और भौगोलिक अखंडता के प्रति सम्मान की व्यवस्था बनाए जाने पर भी जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि यह उन तीन देशों के लिए एक बड़ा मौका है जो लोकतांत्रिक मूल्यों में आस्था रखते हैं। उन्होंने कहा कि तीनों मुल्क मिलकर वैश्विक शांति, समृद्धि और स्थिरता के लिए काम करेंगे।