नई दिल्ली, एलजेपी चीफ चिराग पासवान की यह हसरत पूरी नहीं हुई कि 10 नवंबर के बाद नीतीश कुमार बिहार के सीएम नहीं रहेंगे। जेडीयू नेता ने सोमवार को सातवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। चुनाव में खुद को 'मोदी का हनुमान' बताकर नीतीश कुमार को सीएम की कुर्सी से विदा करने का दम भरने वाले चिराग ने जेडीयू चीफ को चीफ मिनिस्टर बनने की बधाई तो दी है लेकिन लहजा तंज भरा है। 'कहना कुछ, जताना कुछ' जैसे अंदाज में उन्होंने उम्मीद जताई है कि सरकार अपना 'कार्यकाल पूरा' करेगी और नीतीश 'एनडीए के ही मुख्यमंत्री' बने रहेंगे। साथ ही वह यह भी याद दिलाना नहीं भूले कि नीतीश को सीएम की कुर्सी बीजेपी की इनायत है। चिराग पासवान ने ट्वीट किया, 'आदरणीय नीतीश कुमार जी को फिर से मुख्यमंत्री बनने की बधाई। आशा करता हूं सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी और आप एनडीए के ही मुख्यमंत्री बने रहेंगे।' कार्यकाल पूरा करने की 'उम्मीद' के जरिए एक तरह से उन्होंने सरकार की स्थिरता पर ही शक जाहिर कर दिया है। 'एनडीए के ही मुख्यमंत्री' में भी चिराग का तंज और संदेह छिपा है जो चुनाव प्रचार के दौरान कई बार कह चुके हैं कि नीतीश नतीजों के बाद फिर बीजेपी को धोखा दे सकते हैं और महागठबंधन का दामन थाम सकते हैं।
चिराग ने अगले ट्वीट में बधाई के बहाने नीतीश को यह याद दिलाया कि वह 'मुख्यमंत्री बने नहीं, बीजेपी ने बनाया' है। उन्होंने ट्वीट किया, '4 लाख बिहारियों द्वारा बनाया गया #बिहार1stबिहारी1st विजन डॉक्यूमेंट आप को भेज रहा हूं ताकि उसमें से भी जो कार्य आप पूरा कर सकें वह कर दें। एक बार पुनः आप को मुख्यमंत्री बनने की और भारतीय जनता पार्टी को आप को मुख्यमंत्री बनाने के लिए बधाई।' समस्तीपुर जिले के सरायरंजन सीट से विजय चौधरी तीसरी बार विधायक बने हैं। नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं। नीतीश सरकार में विजय चौधरी जल संसाधन मंत्री भी रहे हैं। 2015 में महागठबंधन की सरकार के दौरान वह विधानसभा अध्यक्ष बने थे। इस बार विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी बीजेपी के खाते में चला गया है। ऐसे में विजय चौधरी को फिर से नीतीश कैबिनेट में जगह मिली है। विजय चौधरी ने राजभवन में आज पद और गोपनीयता की शपथ ली है।
नीतीश कुमार के साथ ही सुपौल से 8वीं बार विधायक बने विजेंद्र प्रसाद यादव भी मंत्री पद की शपथ ले रहे हैं। विजेंद्र प्रसाद यादव नीतीश कुमार के साथ 3 दशक से राजनीति कर रहे हैं। वह सुपौल विधानसभा सीट से 1990 के बाद से लगातार चुनाव जीत रहे हैं। वह जनता दल के समय से नीतीश के साथ हैं। नीतीश कैबिनेट में वह हर बार मंत्री रहे हैं। अभी वह राज्य में उर्जा मंत्री हैं। विजेंद्र प्रसाद यादव की छवि बिलकुल साफ सुथरी है। साथ ही क्षेत्र में भी उन्होंने काफी विकास के काम किए हैं। इसके साथ ही नीतीश कुमार के सबसे भरोसेमंद लोगों में से एक हैं। अशोक चौधरी अभी किसी भी सदन के सदस्य हैं। बिहार चुनाव के दौरान ही उनका कार्यकाल खत्म हो गया था। उसके बाद मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। अशोक चौधरी ने पूरी राजनीति कांग्रेस की है। उनके पिता महावीर चौधरी भी आरजेडी की सरकार में मंत्री रहे हैं। लेकिन नीतीश कुमार के साथ अशोक चौधरी भी 2017 में महागठबंधन से अलग हो गए थे। फिर अपने लोगों के साथ अशोक चौधरी में शामिल हो गए थे। अशोक चौधरी बिहार में विभिन्न मंत्रालयों को संभालते रहे हैं। अभी वह जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं। सरकार के साथ-साथ अशोक चौधरी संगठन में भी काफी एक्टिव रहते हैं।
इस बार नीतीश कुमार ने तारापुर से विधायक मेवालाल चौधरी को भी बड़ा इनाम दिया है। तारापुर विधानसभा सीट से 2010 से जेडीयू का कब्जा है। मेवालाल चौधरी की पत्नी नीता चौधरी भी यहां से विधायक रही हैं। मेवालाल चौधरी ने इस बार लालू यादव के करीबी जयप्रकाश नारायण यादव की बेटी दिव्या प्रकाश को चुनाव हराया है। शायद मेवालाल चौधरी को उसी का इनाम मिला है। नीतीश की कैबिनेट में पहली बार मेवालाल चौधरी शामिल होने जा रहे हैं। नीतीश कुमार ने मधुबनी जिले के फुलपरास सीट पर 2 बार की सीटिंग विधायक गुलजार देवी का टिकट काट कर शीला मंडल को दिया था। शीला मंडल ने फुलपरास सीट पर जेडीयू का कब्जा बरकरार है। शीला कुमारी को जीत का इनाम भी मिला है। नीतीश कुमार ने अपनी कैबिनेट में पहली बार चुनाव जीत कर आए शीला कुमारी को मौका दिया है। शीला के खिलाफ चुनावी मैदान में जेडीयू विधायक भी निर्दलीय थीं। इसके साथ ही शीला कुमारी अतिपिछड़ी जाति से आती हैं। नीतीश कुमार के कोटे से जिन लोगों ने आज मंत्री पद की शपथ ली है। उसमें सभी जातियों को साधने की कोशिश की गई है। नीतीश खेमे से शपथ लेने वाले लोगों में सवर्ण, दलित, अतिपिछड़ा और महिला हैं। यानी की उनकी कोशिश है कि हर तबके के लोगों का प्रतिनिधित्व हो।
बिहार में एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ने वाली एलजेपी ने जेडीयू के सभी उम्मीदवारों के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारे थे। चिराग पासवान बार-बार दावा करते रहे कि 10 नवंबर के बाद नीतीश सीएम नहीं रहेंगे और बीजेपी के नेतृत्व में सरकार बनेगी। 10 नवंबर को जब नतीजे आए तो चिराग पासवान की पार्टी सिर्फ 1 सीट ही जीत पाई। हालांकि, जेडीयू तीसरे नंबर की पार्टी बनकर रह गई। 243 सीटों वाली विधानसभा में उसके सिर्फ 43 एमएलए रह गए। बीजेपी को 74 और आरजेडी को 75 सीटें मिलीं। एनडीए 125 सीटों पर जीत दर्ज कर किसी तरह बहुमत हासिल करने में कामयाब हुई। तारकिशोर प्रसाद को डेप्युटी सीएम का पद दिया गया है। साथ ही उन्हें सरकार में नंबर दो की पोजिशन दी गई है। 64 साल के तारकिशोर प्रसाद 2005 से कटिहार विधानसभा से विधायक हैं। इस बार उन्होंने आरजेडी के राम प्रकाश महतो को करीब 10 हजार मतों से हराया है। तारकिशोर प्रसाद का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से पुराना रिश्ता रहा है। उनका परिवार मूलरूप से सहरसा जिले के तलखुआ गांव का रहने वाला है। वह कलवार वैश्य समाज से आते हैं जिसे बिहार में पिछड़ा वर्ग का दर्जा प्राप्त है। मूलरूप से व्यापारिक परिवार से जुड़े तारकिशोर प्रसाद के पिता कपड़े की दुकान चलाते हैं। उन्होंने मेडिकल स्टोर का संचालन भी किया है। 2001 में तारकिशोर प्रसाद कटिहार में चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के अध्यक्ष भी रहे। वह 12वीं पास हैं।
बीजेपी कोटे से नीतीश कैबिनेट में दूसरी उपमुख्यमंत्री रेणु देवी बेतिया से विधायक हैं। वह संघ की महिला विंग दुर्गा वाहिनी की सक्रिय सदस्य हैं। पहले बिहार सरकार में मंत्री का पद संभाल चुकीं रेणु देवी इस बार बेतिया से पांचवीं बार बीजेपी विधायक के तौर पर चुनी गईं हैं। 62 वर्षीय रेणु देवी को बिहार की पहली महिला उप-मुख्यमंत्री चुने जाने के पीछे उनका बड़ा राजनीतिक अनुभव माना जा रहा है। 1977 में मुजफ्फरपुर यूनिवर्सिटी से इंटर पास रेणु देवी 1988 से ही राजनीतिक व सामाजिक कार्यों में सक्रिय रहीं। रेणु की मां भी संघ परिवार से जुड़ी थीं और उनके ननिवाहल में भी बीजेपी और संघ का प्रभाव रहा। 2005-09 के दौरान नीतीश कुमार की कैबिनट में राज्य की खेल, कला एवं संस्कृति मंत्री रह चुकीं रेणु देवी को पार्टी के महिला मोर्चा में कई जिम्मेदारियां दी जा चुकी हैं। रेणु देवी अतिपिछड़ा समाज के नोनिया जाति से आती हैं। 45 वर्षीय मंगल पांडे इस वक्त विधान परिषद के सदस्य हैं। इन्हें बीजेपी का कद्दावर नेता माना जाता है। वह सिवान जिले के भृगु बलिया गांव से आते हैं। जब बीजेपी 1987 में बिहार में राजनीतिक जड़े जमाने की कोशिश कर रही थी उस वक्त उन्होंने आखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad-ABVP) ज्वाइन की और फिर आरएसएस से संबंध बन गया। जबकि मंगल पांडे 1989 में बीजेपी में शामिल हुए। 2005 में वह राज्य बीजेपी के महासचिव बने तो 2012 में वे बिहार विधान परिषद के सदस्य बने। सुशील मोदी के करीबी मंगल पांडेय का नाम 2013 में बीजेपी अध्यक्ष के रूप में अचानक सामने आया। वह हिमाचल प्रदेश और झारखंड चुनाव में पार्टी का जिम्मा संभाल चुके हैं।
आरा से जीतकर आए हैं। बीजेपी के पुराने नेता हैं। अमरेंद्र पताप सिंह आरा से चौथी बार विधायक चुने गए हैं। बक्सर जिले चौगाई गांव से हैं अमरेंद्र पताप सिंह। वे पूर्व में विधानसभा के डिप्टी स्पीकर भी रह चुके हैं। आरा बक्सर के इलाके में संघ को मजबूत करने में इनका अहम योगदान रहा है। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में मधुबनी जिला के विधानसभा क्रम संख्या 37 राजनगर (एससी) सीट पर बीजेपी के रामप्रीत पासवान ने जीत दर्ज की है। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आरजेडी के रामावतार पासवान को हराया है। रामप्रीत पासवान को कुल 89239 मत प्राप्त हुए हैं, जबकि दूसरे स्थान पर रहे रामावतार पासवान को 69851 मत मिले हैं। राजनगर (एससी) विधानसभा सुरक्षित सीट है। मिथिलांचल के इलाके में एनडीए के अच्छे प्रदर्शन के चलते रामप्रीत पासवान को कैबिनेट में जगह मिली है। दरभंगा के जाले विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार विधायक चुने गए जीवेश मिश्रा को बीजेपी ने नीतीश कैबिनेट में जगह दिलाई है। ये वही जीवेश मिश्रा हैं जिन्होंने चुनाव में जिन्ना वाले मस्कूर उस्मानी को हराया है। ये वही मस्कूर उस्मानी हैं जो पहले अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी छात्र संघ के अध्यक्ष थे। छात्र संघ का अध्यक्ष रहते उन पर अपने कार्यालय में जिन्ना की तस्वीर लगाने का आरोप लगा था। मिथिलांचल के मुसलमानों को खुश रखने के लिए जीवेश मिश्रा को मंत्री बनाया गया है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में मुजफ्फरपुर जिला के विधानसभा क्रम संख्या 89 औराई सीट पर बीजेपी के रामसूरत राय ने जीत दर्ज की है। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आफताब आलम को 45283 मतों के अंतर से हराया है। रामसूरत राय को कुल 86289 मत प्राप्त हुए हैं, जबकि दूसरे स्थान पर रहे आफताब आलम को 41006 मत मिले। रामसूरत राय यादव बिरादरी से आते हैं। नीतीश कैबिनेट में जातीय संतुलन का पूरा ध्यान रखा गया है। दरभंगा की जाले विधानसभा सीट से जीवेश मिश्रा (ब्राह्मण), मुजफ्फरपुर की औराई सीट से विधायक रामसूरत राय (यादव), मुधबनी जिले की राजनगर सीट से विधायक रामप्रीत पासवान (दुसाध), आरा विधानसभा सीट से विधायक अमरेंद्र प्रताप (क्षत्रिय), बेतिया से विधायक रेणु देवी (नोनिया), कटिहार विधान सभा से विधायक तारकिशोर प्रसाद (बनिया) और विधान पार्षद (MLC) से मंगल पांडे (ब्राह्मण) मंत्री पद की शपथ ली। नीतीश कुमार ने सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उन्होंने सातवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ जेडीयू कोटे से 5 मंत्रियों और बीजेपी कोटे से 7 मंत्रियों ने शपथ ली । ‘हम’ पार्टी से जीतनराम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन और वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने भी मंत्री के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ ली ।