नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल विमान सौदे में बड़ा घोटाला होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि इस तरह की खरीद के लिए स्थापित प्रक्रियाओं की अनदेखी की गई है और 126 विमानों की जगह महज 36 विमानों की खरीद को मंजूरी देकर देश की सुरक्षा से खिलवाड़ किया गया है। गांधी ने लोकसभा में भारी हंगामे के बीच नियम 193 के तहत राफेल सौदे पर हुई चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सौदे से जुड़े आरोपों का कभी कोई जवाब नहीं दिया है। राफेल घोटाले से जुड़े मुद्दे पर आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं लेकिन मोदी सरकार इस बारे में चुप्पी साधे हुई है। प्रधानमंत्री ने इसी सदन में पिछली बार लंबा भाषण दिया लेकिन राफेल सौदे पर एक शब्द भी नहीं बोला। वहीं नए साल पर दिए गए इंटरव्यू में भी पीएम मोदी ने राफेल पर कुछ नहीं कहा। राहुल ने कहा देश पीएम मोदी से राफेल पर जवाब की मांग कर रहा है।सदन की कार्रवाई पर एक नजर
आरंभ में इस सौदे को लेकर मुझे लगा कि ‘दाल में कुछ काला है’ लेकिन जैसे-जैसे से समय बीता और इससे जुड़ी परतों का खुलासा होता गया तो साफ हो गया कि सिर्फ दाल में ही कुछ काला नहीं है बल्कि पूरी की पूरी दाल ही काली है
यह बहुत बड़ा घोटाला है, इसकी जांच संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) से कराई जानी चाहिए ताकि ‘दूध का दूध और पानी का पानी’ हो सके। इस सौदे को लेकर मोदी पर सिर्फ अंगुली ही नहीं उठ रही है बल्कि यह साफ हो गया है कि उन्होंने इस सौदे में बड़ा घोटाला किया है। उन्होंने रक्षा खरीदी से जुड़े सभी नियमों का उल्लंघन किया है और अकेले फ्रांस जाकर पुराने सौदे को बदला है। सौदे के समय उनके साथ तत्कालीन रक्षा मंत्री भी नहीं थे। उनके साथ गए प्रतिनिधिमंडल में एक उद्योगपति गया था जिसके पास जमीन भी नहीं थी और उसने राफेल सौदे होने के महज दस दिन पहले वह कंपनी बनाई थी जिसे यह ठेका दिया गया।
गांधी ने इस सौदे से जुड़े मुद्दे पर ऑडिया चलाना चाहा तो पूरे सदन में जबरदस्त हंगामा शुरू हो गया। सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इसका जबरदस्त विरोध किया और अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने उन्हें ऑडियो चलाने के लिए सख्ती से मना किया। उन्होंने ऑडियो को अपने शब्दों में बोलना चाहा लेकिन अध्यक्ष ने इसकी भी अनुमति नहीं दी और उनका माइक बंद कर दिया। महाजन ने कहा कि ऑडियो बिना प्रमाण के सदन में नहीं चलाया जा सकता और न ही पुष्टि के बिना आरोपों के आधार पर किसी व्यक्ति का नाम सदन में लिया सकता है। दरअसल राहुल ने सदन में अनिल अंबानी का नाम लेकर निशाना साधा था।