PM मोदी की अर्थशास्त्रियों के साथ बैठक: आर्थिक वृद्धि तेज करने पर जोर, एफडीआई पर हुई चर्चा

नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अर्थशास्त्रियों और उद्योग क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ शनिवार को हुई बैठक में उच्च आर्थिक वृद्धि हासिल करने के लिये बैंक और बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ाने, विनिवेश प्रक्रिया में तेजी लाने तथा जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन पर खास जोर रहा। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
यह बैठक मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश होने से पहले हुई है। बैठक में सबसे ज्यादा जोर उच्च आर्थिक वृद्धि हासिल करने पर रहा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पांच जुलाई को नयी सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश करेंगी।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया कि बैठक में 40 से अधिक अर्थशास्त्रियों और उद्योग विशेषज्ञों ने भाग लिया। बैठक का आयोजन नीति आयोग ने किया। बैठक के दौरान भागीदारों ने पांच अलग अलग समूहों में अपने विचार व्यक्त किये। इन विशेषज्ञों ने वृहद आर्थिक परिवेश और रोजगार, कृषि और जल संसाधन, निर्यात, शिक्षा और स्वास्थ्य पर अपने सुझाव एवं विचार रखे।
Had a fruitful interaction with economists and other experts on the themes of macro-economy and employment, agriculture and water resources, exports, education, and health.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 22, 2019
The inputs received were insightful and will benefit our growth trajectory. pic.twitter.com/AXW7oXCHlm
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि उनकी अर्थशास्त्री और अन्य विशेषज्ञों के साथ चर्चा फलदायी रही। बैठक में जो सुझाव और जानकारी मिली है वह काफी अनुभवी और गहन रही। आर्थिक वृद्धि तेज करने में उसका फायदा मिलेगा।
टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन, टाटा स्टील के वैश्विक सीईओ और प्रबंध निदेशक टी.वी. नरेन्द्रन, वेदांता रिसोर्सिस के चेयरमैन अनिल अग्रवाल, आईटीसी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक संजीव पुरी, पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा बैठक में विचार साझा करने वाले प्रमुख उद्योगपतियों में शामिल रहे।
बैठक में भाग लेने वाले अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों में रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर विमल जालान, पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार शंकर आचार्य, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के पूर्व सदस्य सुरजीत भल्ला, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के सीईओ विक्रम लिमये, नोमुरा की मुख्य अर्थशास्त्री सोनल वर्मा, एनसीएईआर के महानिदेशक शेखर शाह और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष विवेक देबरॉय शामिल थे।
सूत्रों ने बताया कि बातचीत के दौरान रोजगार सृजन, अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध के बीच निर्यात संवर्धन तथा नये संरचनात्मक सुधारों को शुरू करने पर भी गौर किया गया। सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने इस बैठक को ''जीवंत, जोशपूर्ण, रचनात्मक बताया जिसमें पूरी तरह से सकारात्मक विचार विमर्श हुआ।"
सूत्रों के अनुसार टाटा संस के चेयरमैन चंद्रशेखरन ने देश में पर्यावरण के लिहाज से अनुकूल इलेक्ट्रिक वाहनों को आगे बढ़ाने के नीति आयोग के प्रयासों की सराहना की। आयोग ने दुपहिया और तिपहिया वाहन निर्माताओं से 2025 की समयसीमा को ध्यान में रखते हुये इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ बढ़ने के लिये दो सप्ताह के भीतर ठोस सुझाव देने को कहा है। वेदांता रिसोर्सिस के प्रमुख अनिल अग्रवाल ने बैठक के दौरान कोयला और खनन क्षेत्र में उदारीकरण को तेज करने पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री कार्यालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने बैठक में भाग लेने वाले सभी अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों का धन्यवाद किया।
बैठक में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राव इंद्रजीत सिंह भी उपस्थित थे। इसके अलावा नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार, सीईओ अमिताभ कांत और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी मौजूद थे।