rajesh dwivedi
सतना। आपरेशन आईएस-262 बबली कोल गिरोह को नेस्तनाबूद करने के लिए छेड़े गए अभियान के तहत डीआईजी की अगुवाई में पुलिस टीम ने साढे 5 लाख के इनामी गैंग लीडर के पैतृक गांव को घेर लिया। एक घंटे तक गैंग लीडर के घर के अलावा गांव को घेरकर गांव के लोगों और पारिवारिक रिस्तेदारों से कड़ाई से पूछताछ की है। पुलिस के चौतरफा दबाव के कारण गैंग लीडर अपने सदस्यों के साथ बियावान जंगलों में पल-पल ठिकाना बदल रहा है।

इस संबंध में पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आॅपरेशन बबली के तहत दो दिन से चित्रकूट में कैंप किए हुए डीआईजी रीवा रेंज अविनाश शर्मा की अगुवाई में 27 सदस्यीय पुलिस टीम मंगलवार को कर्वी जिले के टिकरिया में एकत्र हुई। टिकरिया में रणनीति तैयार कर डीआईजी शर्मा की अगुवाई में पुलिस टीम सीधे साढेÞ 5 लाख के इनामी डकैत बबली कोल के गांव डोंड़ामाफी और उससे लगे सोसायटी कोलान पहुंची। गांव में बबली कोल के पारिवारिक सदस्य नहीं मिले। सोसायटी कोलान गांव में रहने वाले ग्रामीणों से पुलिस के द्वारा पूछताछ की गई लेकिन कुख्यात डकैत के भय के कारण ग्रामीण अंजान बने रहे। ग्रामीणों ने पुलिस से कहा कि उन्होंने तो बबली को लम्बे समय से गांव में देखा ही नहीं। तराई से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सतना और कर्वी पुलिस के द्वारा दोनों तरफ से छेड़े गए अभियान के कारण बियावान जंगल में पल-पल ठिकाना बदल रहा गैंग लीडर बबली कोल मंगलवार को लखनपुर पहाड़ी के जंगल में पनाह लिए रहा।
चरवाहों और ग्रामीणों से बातचीत
मंगलवार को डीआईजी श्री शर्मा की अगुवाई में ट्रैफिक प्रभारी सुधांशु तिवारी एडी टीम के सब इंस्पेक्टर ओपी चोगड़े समेत 27 सदस्यीय पुलिस टीम टिकरिया से होते हुए डोड़ामाफी सोसायटी कोलान के बाद कुसमुही के जंगल में सर्चिंग की। कुसमुही से निकलकर पुलिस टीम कई किलोमीटर पैदल चलकर जमुनिहाई के बाद बिछियन पहुंची। इन जंगलों में सर्चिंग करने के उपरान्त घोड़ामुखी होते हुए पुलिस टीम देर शाम सरभंगा आश्रम के पास पहुंची। इस दौरान डीआईजी और पुलिस टीम ने चरवाहों और जंगलों से लगे गांव में रहने वाले वाशिंदों से पूछताछ कर कहा कि वे निर्भीक रहें, उनकी सूचनाएं गुप्त रखी जाएंगी। चरवाहों से पुलिस टीम ने जंगल के इन छिपे रास्तों की जानकारी हासिल की जिन रास्तों के बारे में पुलिस अनभिज्ञ है।
नाला पार कर सरभंगा पहुंची पुलिस टीम
बार्डर पार कर कर्वी जिले के टिकरिया से डीआईजी श्री शर्मा की अगुवाई में शुरू की गई सर्चिंग करते हुए पुलिस फोर्स शाम के वक्त धारकुण्डी थाना के सरभंगा जंगल के करीब पहुंची। कररिया नाला को पार कर घोड़ामुखी से निकलते हुए पुलिस फोर्स सरभंगा पहुंची। नाला पार करने के दौरान डीआईजी और अन्य पुलिस कर्मी के द्वारा डंडे का सहारा लिया गया। नाला में हाथ -मुंह धोकर कुछ देर तक पुलिस टीम ने विश्राम किया। तत्पश्चात पुलिस टीम नयागांव लौट आई। उधर चौतरफा दबाव बनाने के लिए कर्वी एसपी के निर्देश पर पुलिस की दो टीमें अमरावती, बरकत बाबा के जंगल में देर शाम तक सर्चिंग की।
इनाम साढे 5 लाख, धराशाई हो चुका है पैतृक घर
तराई में आतंक का पर्याय बना बबली कोल मूलत: डोड़ामाफी के मजरा सोसायटी कोलान का मूल निवासी है। सोसायटी कोलान में बबली कोल का जन्म हुआ। विवाह के पहले ही बबली ने डकैतों का साथ पकड़ लिया। देखते ही देखते बबली दहशत का पर्याय बनता चला गया। बलखड़िया के मारे जाने के बाद बबली गैंग लीडर बन गया। इनाम भी बढ़कर साढे 5 लाख रुपये हो गया। भले ही बबली के नाम से सतना, कर्वी जिले के सैकड़ा भर गांवों में लोग दहशत में रहते हैं लेकिन एक हकीकत यह भी है कि साढेÞ 5 लाख के इनामी बबली कोल के माता-पिता और पत्नी ठकुराईन व बच्चों सहित रहने के लिए एक घर तक नहीं है। बबली कोल का पैतृक घर धराशाई हो चुका है। घर व जमीन कुर्क हो चुकी है। बबली के माता-पिता झोपड़ी में गुजर-बसर कर रहे हैं। वहीं बबली की पत्नी ठकुराईन बच्चों के साथ ज्यादातर रिश्तेदारों और मायके में रहती है।