कोरोना मरीजों के इलाज में रेमेडिसविर इंजेक्शन उपयोगी है, अभी तक ऐसे कोई प्रमाण नहीं: WHO

कोरोना मरीजों के इलाज में रेमेडिसविर इंजेक्शन उपयोगी है, अभी तक ऐसे कोई प्रमाण नहीं: WHO

इसके इस्तेमाल से बेहद कम मात्रा में लाभ हुआ है

नई दिल्ली, एंटीवारल दवा रेमेडिसविर की बढ़ती मांग के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रेमेडिसविर को लेकर कहा है कि अभी तक ऐसे कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिससे यह साबित हो सके कि यह दवा कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में उपयोगी है।

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जागत गांव डाट काम

विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन और कोरोना पर इसकी तकनीकी टीम की हेड डॉ. मारिया वान केरखोव ने सोमवार को बातचीत मे कहा कि हमारे द्वारा किए गए पांच परीक्षणों में हमने यह पाया कि रेमेडिसविर ने अस्पतालों में भर्ती मरीजों की मृत्यु दर को कम करने या उनकी यांत्रिक आवश्यकता को कम करने में कोई मदद नहीं की। रेमेडिसविर को लेकर पूर्व में किये गए परीक्षणों के बारे में बताते हुए डॉ. स्वामीनाथन ने कहा, 'रेमेडिसविर को लेकर पूर्व में जो पांच परीक्षण किये गये वह आवश्यक रूप से दर्शाते हैं कि अस्पताल में भर्ती जिन मरीजों को यह दवा दी गई थी उनमें मृत्यु दर कम नहीं हुई और न ही ऐसे मरीजों के स्वास्थ्य में किसी प्रकार की प्रगति देखने को मिली और न ही अस्पताल में उनके भर्ती होन के समय में कमी आई।' नैदानिक परीक्षणों के आधार पर WHO ने पिछले साल अस्पताल में भर्ती मरीजों के खिलाफ रेमेडिसविर के इस्तेमाल को लेकर निर्देश जारी किए थे।

केवल आपातकालीन परिस्थिति में इसके इस्तेमाल की मंजूरी

WHO की तमनीकी विभाग की प्रमुख डॉ. वान केरखोव ने कहा कि इस दवा के परीक्षणों के आधार पर हमने केवल आपातकालीन परिस्थिति में इसके इस्तेमाल की मंजूरी दी है। क्योंकि दवा के इस्तेमाल से मरीजों के स्वास्थ्य में कोई सुधार देखने को नहीं मिला है। लेकिन अभी भी रेमेडिसविर पर हम लगातार परीक्षण कर रहे हैं।

इसके इस्तेमाल से बेहद कम मात्रा में लाभ हुआ है

हालांकि डॉ. स्वामीनाथन ने यह भी कहा कि रेमेडिसविर को लेकर अभी उम्मीद बाकी है क्योंकि इसको लेकर किए गए कुछ छोटे मोटे अध्ययनों में यह सामने आया है कि इसके इस्तेमाल से बेहद कम मात्रा में लाभ हुआ है। लेकिन जिन मरीजों को इससे लाभ हुआ है उनकी संख्या बेहद कम है। उन्होंने आगे कहा कि विश्व के कई स्वास्थ्य संगठन अभी इस दवा के परिणामों को लेकर परीक्षण कर रहे हैं और कुछ ही हफ्तों में इन परीक्षणों के परिणाम समाने आएंगे।