पिछोर में केपी सिंह और प्रीतम लोधी, पोहरी में प्रहलाद भारती और सुरेश राठखेड़ा
कोलारस में वीरेन्द्र और महेन्द्र के बीच मुकाबला
khemraj mourya
शिवपुरी। शिवपुरी जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर मुकाबले की तस्वीर स्पष्ट हो गई है। इनमें से तीन विधानसभा सीटें शिवपुरी, कोलारस और पिछोर गुना संसदीय क्षेत्र में जबकि करैरा और पोहरी ग्वालियर संसदीय क्षेत्र में है। पिछोर में 2013 के चुनाव में खड़े हुए विधायक केपी सिंह और भाजपा प्रत्याशी प्रीतम लोधी के बीच इस बार भी मुकाबला होगा जबकि अन्य चार विधानसभा क्षेत्रों में या तो कांग्रेस या भाजपा ने अपने प्रत्याशियों में बदलाव किए हैं।

शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र में पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी यशोधरा राजे सिंधिया ने कांग्रेस प्रत्याशी वीरेन्द्र रघुवंशी को 11 हजार मतों से पराजित किया था। इसके बाद वीरेन्द्र रघुवंशी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। इस चुनाव में भाजपा ने शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से तीन बार जीतीं यशोधरा राजे का टिकट बरकरार रखा है जबकि कांग्रेस ने युवा सिद्धार्थ लढ़ा को उम्मीद्वार बनाया है। सिद्धार्थ लढ़ा 33 वर्ष के हैं और शहर कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। वैश्य वर्ग से जुड़े सिद्धार्थ और यशोधरा राजे के बीच उम्र में 31 वर्ष का फासला है। श्री लढ़ा पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। पोहरी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने 2008 और 2013 में विजयी हुए प्रहलाद भारती को पुन: उम्मीद्वार बनाया है। श्री भारती धाकड़ जाति के हैं और इस वर्ग के क्षेत्र में 45 हजार मतदाता हैं। 2008 और 2013 में कांग्रेस ने यहां से ब्राह्मण उम्मीद्वारों को टिकट दिया था, लेकिन उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था। इस बार कांग्रेस ने भाजपा की ओर से प्रहलाद भारती की उम्मीद्वार घोषित होने के बाद धाकड़ जाति के ही सुरेश राठखेड़ा (धाकड़) को टिकट दिया है। सुरेश किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हैं और सिद्धार्थ लढ़ा की तरह सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक हैं। करैरा में कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों ने अपने पुराने प्रत्याशियों को टिकट नहीं दिए। 2013 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी शकुन्तला खटीक ने भाजपा प्रत्याशी ओमप्रकाश खटीक को दस हजार मतों से हराया था, लेकिन इस बार कांग्रेस ने सर्वे रिपोर्ट के आधार पर शकुन्तला खटीक का टिकट काटकर जसवंत जाटव को उम्मीद्वार बनाया है। वहीं भाजपा ने भी ओमप्रकाश खटीक को टिकट न देेकर उनके पुत्र भाजपा के जिला महामंत्री राजकुमार खटीक को टिकट दिया है। करैरा में मुकाबले में अब दोनों नए प्रत्याशी होंगे। यहां जसवंत और राजकुमार खटीक के बीच मुकाबला होगा। पिछोर विधानसभा क्षेत्र से विधायक केपी सिंह 1993 से लगातार चुनाव जीत रहे हैं, लेकिन 2013 के चुनाव में उनकी जीत का अंतर काफी कम रहा था। विधायक सिंह ने तब भाजपा के उम्मीद्वार प्रीतम लोधी को लगभग साढ़े छह हजार मतों से पराजित किया था। भाजपा ने इस बार पुन: प्रीतम लोधी को टिकट देकर पुरानी जोड़ी को फिर आमने-सामने कर दिया है। यहां जोरदार मुकाबले के आसार बन रहे हैं, क्योंकि इस विधानसभा क्षेत्र में लोधी मतदाताओं की संख्या लगभग 50 हजार है। जहां तक कोलारस विधानसभा क्षेत्र का सवाल है कांग्रेस ने यहां से छह माह पहले हुए उपचुनाव में जीते महेन्द्र यादव को उम्मीद्वार बनाया है। महेन्द्र यादव 2013 के चुनाव में विजयी हुए स्व. रामसिंह यादव के सुपुत्र हैं। रामसिंह 2013 में जहां 25 हजार मतों से भाजपा प्रत्याशी देवेन्द्र जैन से जीते थे वहीं उपचुनाव में उनके पुत्र महेन्द्र यादव की जीत का अंतर मात्र 8 हजार रह गया था। भाजपा ने इस सीट से कांग्रेस से भाजपा में आए पूर्व विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी को उम्मीद्वार बनाया।
तीन सीटों पर बसपा बिगाड़ सकती है भाजपा-कांग्रेस का गणित
जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस और भाजपा की तरह बसपा ने भी अपने उम्मीद्वारों की घोषणा कर दी है। बसपा पांच सीटों में से तीन सीटों करैरा, पोहरी और कोलारस में खासी मजबूत है। पिछले विधानसभा चुनाव में करैरा से बसपा उम्मीद्वार प्रागीलाल जाटव को हार के बावजूद 45 हजार से अधिक मत मिले थे। पोहरी विधानसभा क्षेत्र में बसपा उम्मीद्वार लाखन सिंह बघेल ने 34 हजार मत प्राप्त किए थे। श्री बघेल चुनाव अवश्य नहीं जीत पाए, लेकिन उन्होंने 34 हजार मत लेकर कांग्रेस उम्मीद्वार हरिबल्लभ शुक्ला की हार सुनिश्चित कर दी। हरिबल्लभ इस विधानसभा क्षेत्र से महज 3500 मतों से भाजपा प्रत्याशी प्रहलाद भारती से हारे थे। इस बार पोहरी से बसपा प्रत्याशी के रूप में भाजपा के बागी प्रत्याशी कैलाश कुशवाह मैदान में हैं। कोलारस विधानसभा क्षेत्र में पिछले चुनाव में बसपा उम्मीद्वार चंद्रभान सिंह यादव ने 23 हजार से अधिक मत प्राप्त किए थे। इस बार कोलारस से बसपा ने अशोक शर्मा को मैदान में उतारा है। शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से बसपा ने इरशाद पठान को टिकट दिया जबकि पिछोर विधानसभा क्षेत्र से 2003 के चुनाव में करैरा से जीते लाखन सिंह बघेल पर पार्टी ने दांव लगाया है।