आदिवासी महापंचायत ने की जांच की मांग

आदिवासी महापंचायत ने की जांच की मांग

साम्प्रदायिक सद्भाव बनाये रखने की अपील

[caption id="attachment_91187" align="aligncenter" width="1636"]tribal-maha-panchayat-demands-inquiry फाइल फोटो[/caption] Syed Javed Ali मंडला - रामनगर में आयोजित आदि उत्सव के दौरान 26 अप्रैल को मुख्य मंत्री कन्यादान योजना और मुख्य मंत्री निकाह योजना के तहत सामूहिक विवाह में आदिवासी समाज की युवती का निकाह मुस्लिम समाज के युवक से कराए जाने की घटना को लेकर आदिवासी महापंचायत महाकौशल गढ़ा मंडला की बैठक हुई जिसमें पूरे प्रकरण पर चर्चा हुई। इस बैठक में सभी दस्तावेजों को देखा गया और दोनों परिवारों की अनुपस्थिति और असहमति के बाद भी निकाह के न्‍यायिक पक्ष को समझा। इस पूरे प्रकरण में आदिवासी महापंचायत ने न्यायिक जांच को आवश्यक समझा, और निर्णय स्वरूप न्यायिक मार्ग से इसके निराकरण की मांग जिला प्रशासन से की है। महापंचायत के संरक्षक पी एल वरकडे ने बताया कि शासन द्वारा कराए गए उक्त विवाह को लेकर पूरे आदिवासी समाज में रोष व्याप्त है चुकी दोनों परिवारों के परिजन इसमें शामिल नहीं थे, अतः इसको किसी भी स्थिति में सामाजिक समर्थन या सहमति नहीं माना जा सकता है, लेकिन समाज इस प्रकरण में लड़ाई बिना किसी तनाव की स्थिति को निर्मित किए लड़ने के लिए न्यायिक मार्ग अपनाकर आवश्यक कदम उठाये जाने का पक्षधर है। इस संबंध में विधिवत जांच हेतु एक पत्र भी जिला प्रशासन को दिया जा चुका है आदिवासी समाज इस प्रकरण का न्याय संगत हल चाहता है। जिले का सांप्रदायिक सद्भाव किसी भी स्थिति में ना बिगड़े और आपसी भाईचारे का वातावरण यथास्थिति बना रहे ऐसी आदिवासी महापंचायत की अपील है। गैर आदिवासी वर्ग के द्वारा आदिवासी वर्ग की जमीन अपने नौकर के नाम से खरीदने या बंधक बनाकर रखने के साथ शराब या अन्य लोभ लालच बनाकर शासकीय योजनाओं का लाभ लेने के लिए और राजनीतिक लाभ लेने के लिए केवल इस तरह की शादियां ही नहीं अनेक अन्य तरीकों व षड्यंत्र के माध्यम से आदिवासी समाज के लोगों को नुकसान पहुंचाने के कृत्य पिछले कई सालों से लगातार किए जा रहे हैं कई तरह से समाज शोषण किया जा रहा है। इन विसंगतियों से लड़ने के लिए सामाजिक जागरूकता के साथ न्यायिक माध्यम से निरंतर संघर्ष किया जा रहा है जो आगे भी जारी रहेगा। महापंचायत के संरक्षक पी एल वरकडे का कहना है कि समाज अपनी लड़ाई न्यायिक व सामाजिक तरीके से लड़ रहा है। इस मामले में भी तरीका सामाजिक और न्यायिक ही रखा गया है। सांप्रदायिक सद्भाव किसी भी तरीके से ना बिगड़े समाज ने इसके लिए न्यायिक मार्ग का चयन किया है। महापंचायत ने अन्य संगठनों से भी सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की अपील की है। प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन से मांग की गई है कि इस मामले की जांच करवाते हुए दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाए।