बस्तर
बस्तर राजपरिवार और उससे होने का दावा करने वाले दिलीप देव के निवास स्थान विजय भवन में सोमवार की शाम उस वक़्त हंगामा खड़ा हो गया जब राजस्व अमले सहित पुलिस कर्मियों द्वारा उसे सील कर दिया गया. मामला तब और संगीन हो गया जब वर्षों से वहां रहने वाले दिलीप देव का पूरा परिवार अंदर कैद हो गया. इस बीच दिलीप देव को जब इस बात की जानकारी लगी तो उन्होंने प्रशासन से अपने परिवार को बाहर निकालने की गुजारिश की.
दिलीप ने बताया कि राजपरिवार के अन्य सदस्यों द्वारा उन्हें लगभग तीन माह पूर्व न्यायालय से धारा 145 और 146 के तहत नोटिस भेजा गया था, जिसमें से एक मामले में अब भी प्रकरण विचाराधीन है. इसके बावजूद, बगैर पूर्व सूचना के उनके निवास स्थान को सील कर दिया गया. साथ ही घर के सदस्यों को भी बाहर निकलने का मौका नहीं दिया गया.
एसडीएम अरविंद एक्का ने बताया कि उक्त प्रकरण राजस्व मामला के अधीन है, सील कर कार्यवाही करने हेतु तहसीलदार को आदेशित किया गया था, आज कार्यवाही की गई है. परिवारजनों के अन्दर होने की जानकारी उन्हें नहीं है, अगर ऐसा हुआ है तो तत्काल बाहर निकाला जाएगा.
इधर तहसीलदार आरपी बघेल ने बताया कि पूरी तरह से तस्दीक करने के बाद ही घर को सील किया गया है. जब सील किया गया था उस वक़्त घर पर कोई मौजूद नहीं था. दूसरे रास्ते अथवा बगैर रेलिंग की खिड़की से परिवार के सदस्यों को अंदर प्रवेश करवाया गया है. उन्होंने कहा कि प्रशासन की पहली प्राथमिकता जनता की सुरक्षा है, अगर परिवार अंदर है तो सील तोड़कर उन्हें तत्काल बाहर निकाला जायेगा.
दरअसल, प्रवीर चन्द्र के छोटे भाई विजय चन्द्र भंजदेव को विजय भवन मिला हुआ था. जिसके बाद से यह संपत्ति उन्ही के पास रही. उनके तीन पुत्र भारत चन्द्र हरिहर और देवेश भंजदेव के नाम यह संपत्ति दर्ज हुई. उस समय से लेकर अब तक बस्तर राजपरिवार और दिलीप देव के बीच उक्त संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा था. बरसों चली क़ानूनी कार्यवाही के बाद राजस्व न्यायालय ने वर्तमान महाराजा कमल चन्द्र भंजदेव एवं राजमाता कृष्ण कुमारी देवी के पक्ष में फैसला सुनाया, जिसे लेकर आज यह सीलबंदी की कार्यवाही की गई.