अगर BJP को मिल जाते 4337 वोट तो चौथी बार CM होते शिवराज

अगर BJP को मिल जाते 4337 वोट तो चौथी बार CM होते शिवराज

भोपाल 
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. वहीं पीसीसी चीफ कमलनाथ ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया है. इसी बीच कांग्रेस विधायक दल ने कमलनाथ को विधायक दल का नेता चुन लिया है. इस प्रकार यह तय हो गया है कि कमलनाथ मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे. लेकिन ये जानकर आप हैरान हो जाएंगे कि अगर बीजेपी को सिर्फ 4 हजार 337 वोट और मिल जाते तो शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मध्य प्रदेश में सरकार बनाने में कामयाब हो जाते.

जी हां, 4 हजार 337 वो जादुई आंकड़ा है, जिसने बीजेपी को सत्ता से बाहर कर दिया. अगर सूबे में सीट वार कांग्रेस की जीत के अंतर का विश्लेषण किया जाए तो सामने आता है कि कई ऐसी सीटें थी जहां बीजेपी की हार का अंतर बहुत कम था. सात सीटें तो ऐसी थी जहां बीजेपी की हार का 100 से 1000 वोट के बीच रहा है.

ये हैं वो सात सीटें, जहां कम वोटों से हारी बीजेपी

  • ग्वालियर दक्षिण- 121 वोट से कांग्रेस के प्रत्याशी प्रवीण पाठक ने जीत दर्ज की.
  • सुवासरा सीट- कांग्रेस के हरदीप सिंह डंग ने बीजेपी के राधे श्याम पाटीदार को 350 वोट से हराया.
  • जबलपुर उत्‍तर सीट- 578 वोट से कांग्रेस के प्रत्याशी विनय सक्सेना ने जीत हासिल की.
  • राजनगर विधानसभा सीट- 732 वोट से कांग्रेस के विक्रम सिंह नातीराजा ने विजय हासिल की.
  • दमोह विधानसभा सीट- कांग्रेस के राहुल सिंह ने 798 वोट से बीजेपी प्रत्याशी जयंत मलैया को हराया.
  • ब्यावरा विधानसभा सीट- कांग्रेस प्रत्याशी गोवर्धन तंवर ने बीजेपी के नारायण सिंह को 826 वोटों से हराया.
  • राजपुर (अ.ज.जा.) विधानसभा सीट- कांग्रेस प्रत्याशी बाला बच्चन ने बीजेपी के अंतरसिंह देवीसिंह पटेल को 932 वोट से हराया.

इन सभी सातों सीटों पर कांग्रेस ने जितने वोट से जीत दर्ज की है, उसके अंतर को जोड़ा जाए तो आंकड़ा बनता है 4,337 वोटों का. ऐसे में बीजेपी को अगर 4 हजार 337 वोट और मिल जाते तो बीजेपी के खाते में सात और सीटें आ जातीं. अभी बीजेपी के पास 109 सीटें है. अगर ये सात सीटें और जोड़ दें तो सीटों का आंकड़ा तो जाता है 116. जबकि कांग्रेस के पास अभी 114 सीटें हैं तब कांग्रेस का आंकड़ा होता 107 सीटें. ऐसे में शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मध्य प्रदेश में सरकार बनाने में कामयाब हो जाते.