अचानक समुद्र के अंदर गायब हुई इंडोनेशियाई पनडुब्बी, अब भारतीय नौसेना ने उठाया खोजने का जिम्मा

नई दिल्ली
इंडोनेशिया में बुधवार को एक पनडुब्बी हादसे का शिकार हो गई। इसमें 53 लोग सवार बताए जा रहे हैं। हालांकि इंडोनेशिया की नौसेना पनडुब्बी को लापता मानकर उसकी तलाश कर रही है, लेकिन उसके पास ऐसा कोई जहाज नहीं है, जो समुद्र के अंदर लापता पनडुब्बी को खोज निकाले। जिस वजह से वहां की सरकार ने कई देशों से मदद मांगी थी। जिस पर भारतीय नौसेना ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। इलाके में फैला मिला तेल इंडोनेशियाई मीडिया के मुताबिक पनडुब्बी केआरआई नानग्गला 402 बुधवार को एक प्रशिक्षण अभियान में हिस्सा ले रही थी। इस दौरान उसने बाली के उत्तर में करीब 95 किलोमीटर दूर पानी में गोता लगाने की इजाजत मांगी, जिसे सैन्य अधिकारियों ने दे दी। इसके कुछ देर बाद पनडुब्बी का संपर्क बेस से पूरी तरह से टूट गया।
बाद में वहां पर हेलीकॉप्टर्स भेजे गए, जिन्हें उस इलाके में तेल बिखरा हुआ मिला, जहां से पनडुब्बी ने गोता लगाना शुरू किया था। नौसेना का मानना है कि पनडुब्बी समुद्र तल में 700 मीटर की गहराई में डूब गई है, लेकिन कोई इसकी पुष्टि करने को तैयार नहीं है। क्या है DSRV की खासियत? वहीं इंडोनेशिया ने जैसे ही भारत से मदद की गुहार लगाई वैसे ही भारतीय नौसेना ने अपने डीप सबमर्जेन्स रेस्क्यू वेसल (DSRV) को घटनास्थल की ओर रवाना कर दिया। इस पोत को 2018 में भारतीय नौसेना का हिस्सा बनाया गया था। इसकी खास बात है कि ये आसानी से समुद्र की गहराई में डूबी पनडुब्बियों से नौसैनिकों को रेस्क्यू कर सकती है।
इसकी रेंज समुद्र के अंदर 800 मीटर तक है, जबकि इंडोनेशिया की पनडुब्बी के 700 मीटर पर डूबने की आशंका है, ऐसे में आसानी से उसमें मौजूद लोगों को रेस्क्यू किया जा सकता है। रूस ने दुनिया की सबसे खतरनाक पनडुब्बी भारत को सौंपी, टेंशन में चीन-पाकिस्तान सिर्फ कुछ ही देशों के पास है DSRV इंडोनेशियाई नौसेना के मुताबिक पनडुब्बी में 49 सदस्य, एक कमांडर और तीन गनर यानी कुल 53 लोग शामिल हैं। भारत ने जो राहत वेसल भेजा है, वो एक बार में 14 लोगों को निकालने में सक्षम है। ऐसे में अगर पनडुब्बी के अंदर सभी सुरक्षित रहे तो 4 से 5 बार में उन्हें रेस्क्यू किया जा सकता है। इसके अलावा DSRV में ऐसे उपकरण हैं, जो पानी के अंदर के लाइव वीडियो दिखा सकते हैं। दुनिया में भारत के अलावा अमेरिका, रूस, भारत, चीन, जापान, ब्रिटेन, फ्रांस, नॉर्वे, इटली, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर के पास ये DSRV है।