आज भी बारिश का अलर्ट, बाढ़-भूस्खलन से बेहाल उत्तराखंड, 8 जिलों में तबाही

नई दिल्ली
बाढ़ और भूस्खलन के कारण उत्तराखंड में भारी नुकसान हुआ है. यहां के आठ जिलों में त्राहि त्राहि मची है. कई जगह बादल फटने के बाद कोहराम मचा हुआ है तो कई जगह भूस्खलन से पहाड़ टूट कर सड़कों पर गिर रहे हैं. उत्तरकाशी, लामबगड़, बागेश्वर, चमोली और टिहरी में तो हालात बहुत बुरे हैं. स्कूल-कॉलेज बंद हैं. मौसम विभाग ने आज यानी सोमवार को भी बारिश का अलर्ट जारी किया है.
मोरी क्षेत्र में हुई भारी बारिश और बादल फटने से ग्रामीणों के मलबे में दबे होने की सूचना मिली. इस पर एसडीआरएफ की टीम बड़कोट से रवाना हुई. सुदूरवर्ती क्षेत्र मोरी के गांव माकुड़ी, टिकोची और आराकोट भारी वारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. माकुड़ी में लोगों के मलबे में दबे होने की खबर है. एसडीआरएफ की टीम बड़कोट से प्रभावित इलाके आराकोट में पहुंच चुकी है. रेस्कयू टीम के मोरी तक पहुंचने की सूचना है. रास्ता ज्यादा टूटे होने से टीम को प्रभावित गांव में पहुंचने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. मोरी में रेस्क्यू के लिए दो हेलीकॉप्टर भी लगाए गए हैं.
आराकोट पहुंची एसडीआरएफ टीम ने बचाव अभियान का काम शुरू कर दिया है. एक घायल को सनेल से आराकोट हॉस्पिटल पहुंचाया गया. लगभग 170 ग्रामीणों को वन विश्राम गृह भेजा गया है. प्रभावित इलाके में एसडीआरएफ की ओर से आपदा राहत पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं.
चकरोता से रवाना टीम भी घटनास्थल के करीब पहुंच चुकी है. एक अतिरिक्त एसडीआरएफ टीम ने भी उजेली से प्रस्थान किया है. एसडीआरएफ की एक सब टीम बर्मा ब्रिज का निर्माण कर आवाजाही शुरू करने का प्रयास करेगी. साथ ही हेली ड्रॉप आपदा राहत किट का वितरण भी किया जाएगा. एक अन्य 30 सदस्यीय रेस्क्यू टीम भी बटालियन हेडक्वार्टर जोलीग्रांट से जरूरी समान लेकर रवाना होगी. एसडीआरएफ कम्युनिकेशन सदस्यों की ओर से इलाके में आवश्यक वायरलेस टावर लगा कर रेस्क्यू के लिए संचार व्यवस्था शुरू की जाएगी.