आतंकवाद, कट्टरपंथ दुनिया के लिए बड़ा खतरा
सिओल
अपनी दक्षिण कोरिया यात्रा के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां शहीदों को श्रद्धांजलि दी. जिसके बाद उन्होंने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन से मुलाकात की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यहां सियोल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले प्रधानमंत्री मोदी पहले भारतीय व्यक्ति हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस अवॉर्ड को वह भारत के नागरिकों को समर्पित करते हैं. उन्होंने कहा कि आज दुनिया ने भारत की वसुधैव कुटुम्बकम नीति को अपनाया है. प्रधानमंत्री बोले कि भारत ने हमेशा दुनिया को शांति का संदेश दिया, उन्होंने इस दौरान यहां शांति पाठ भी किया. प्रधानमंत्री मोदी ने यहां कहा कि ये अवॉर्ड महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर मिल रहा है, ये काफी बड़ी बात है.
PM मोदी बोले कि उन्हें इस सम्मान के साथ जो राशि मिली है, वह उसे नमामि गंगे के फंड में भेंट करना चाहते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत दुनिया की सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है, हमारी सरकार ने आर्थिक क्षेत्र में कई ऐसे फैसले लिए हैं जिन्होंने जमीन पर बड़ा काम किया है. PM ने इस दौरान स्वच्छ भारत, उज्ज्वला योजना, जनधन खातों, आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं का जिक्र भी किया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज आतंकवाद दुनियाभर के लिए चिंता का विषय बना है, इससे लड़ने के लिए दुनिया को एकजुट होने की जरूरत है. आतंकवाद की बीमारी विश्व शांति के लिए एक बड़ा खतरा है.
क्यों खास है ये सम्मान?
आपको बता दें कि प्रतिष्ठित सियोल शांति पुरस्कार 1990 से दिया जा रहा है. यह पुरस्कार अब तक संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल जैसी हस्तियों को मिल चुका है.
इस अवार्ड के लिए दुनियाभर से कुल 1300 नामांकन आए थे. अवॉर्ड कमेटी ने उनमें से 150 उम्मीदवारों को अलग किया गया. इन 150 उम्मीदवारों में से प्रधानमंत्री मोदी का चयन किया गया. कमेटी ने पीएम मोदी को ‘द परफेक्ट कैंडिडेट फॉर द 2018 सियोल पीस प्राइज’ कहा है.