ऑर्गेज्‍म आने में होती है दिक्‍कत, ऑर्गेज्मिक डिसफंक्‍शन की शिकार तो नहीं है आप

ऑर्गेज्‍म आने में होती है दिक्‍कत, ऑर्गेज्मिक डिसफंक्‍शन की शिकार तो नहीं है आप


सेक्‍स से जुड़ी कई डिसऑर्डर ऐसे भी होते है जो आपको मानसिक रुप से भी परेशान कर सकते है। सेक्‍सुअल डिसऑर्डर महिला और पुरुष दोनों को हो सकते हैं। इन्‍हीं में से एक समस्‍या है ऑर्गेज्‍म डिस्‍फंक्‍शन की। ये ज्‍यादात्तर मह‍िलाओं में देखी जा सकती है। ऑर्गेज्‍म डिस्‍फंक्‍शन वह स्थिति होती है जब एक मह‍िला को संभोग के दौरान उत्‍तेजना होने के बाद भी ऑर्गेज्‍म तक पहुंचने में परेशानी होती है।

कई महिलाएं है जो इस समस्‍या से गुजरती है। आइए जानते है इस बारे में ऑर्गेज्‍म डिस्‍फंक्‍शन क्‍या समस्‍या होती है और क्‍या है इसका न‍िदान।

क्‍या होता है ऑर्गेज्‍म डिस्‍फंक्‍शन?
ऑर्गेज्‍म डिस्‍फंक्‍शन वह स्थिति होती है जब एक महिला को संभोग के दौरान उचित उत्‍तेजना के बाद भी ऑर्गेज्‍म तक पहुंचने में परेशानी होती है। ऑर्गेज्‍म तक पहुंचना महिलाओं में काफी सामान्‍य है। एक रिपोर्ट के अनुसार हर तीसरी महिला को भरपूर उत्‍तेजना के बाद भी ऑर्गेज्‍म नहीं होता। महिलाओं में ऑर्गेज्‍म डिस्‍फंक्‍शन को एनोग्रास्मा अथवा फीमेल ऑर्गेज्मिक डिसऑर्डर भी कहा जाता है। ऑर्गेज्‍म तक पहुंचने में असमर्थता भी एक मेडिकल कंडीशन है। सेक्स में रुचि की कमी और ऑर्गेज्‍म तक पहुंचने में असमर्थता दोनों ही स्थिति गंभीर हैं। हालांकि पुरुषों में यह समस्‍या महिलाओं की अपेक्षा कम होती है।

क्‍या है फीमेल सेक्‍सुअल डिस्‍फंक्‍शन?
महिला यौन अक्षमता यानी फीमेल सेक्‍सुअल डिस्‍फंक्‍शन (एफएसडी) एक बहुत ही आम समस्या है, एक सर्वेक्षण के मुताबिक 43 फीसदी महिलाएं एफएसडी से जूझ रही हैं। इस स्थिति के प्रमुख कारण मनोवैज्ञानिक समस्याएं हैं, पार्टनर संग असमंजस और शारीरिक कारण जैसे मधुमेह, एनीमिया या थायराइड भी हो सकते हैं।महिला के जननांग के साथ समस्या भी इसका कारण हो सकता है।

शर्म और झ‍िझक
कई बार साथी सेक्‍स को लेकर झिझकते रहते हैं। इससे भी वे सेक्‍स के पूरे आनंद से वंचित रह जाते हैं। महिलाएं अक्सर सेक्‍स के दौरान अपने साथी को अपनी पसंद के बारे में नहीं बतातीं। वहीं अधिकतर पुरुष भी अपनी महिला साथी की पसंद और उत्‍तेजना के बारे में जानने की जरूरत नहीं समझते। इससे न तो वे और न ही उनकी साथी ऑर्गेज्‍म प्राप्‍त करते हैं। याद रखें, यदि संभोग के दौरान एक साथी भी असंतुष्‍ट रह गया, तो दूसरा भी चरमानंद नहीं प्राप्‍त कर सकता।

हिस्‍ट्रेक्‍टॉमी
यदि ऑपरेशन के जरिए किसी महिला का गर्भाशय निकाल लिया गया हो, तो वह ऑर्गेज्‍म प्राप्‍त नहीं कर पाती। कई बार डायबिटीज या किसी मानसिक रोग के कारण भी ऑर्गेज्‍म पाने में दिक्‍कत आती है।

स्‍ट्रेस फ्री रहें
स्‍ट्रेस की वजह से सेक्‍स लाइफ बहुत प्रभावित होती है। आपको चाहिए कि आप स्‍ट्रेस फ्री रहें। यह बेहतर सेक्‍स लाइफ के लिए बहुत जरूरी है। स्‍ट्रेस फ्री रहने के ल‍िए डांस, एक्‍सरसाइज और योग पर ध्‍यान दे।

विशेषज्ञों से मिलें
साइकोथेरेपी की मदद लें। इससे सेक्सुअल डिसऑर्डर से ग्रस्त लोगों का इलाज किया जा सकता है। ऑर्गेज्मिक डिस्‍फंक्‍शन, मनोचिकित्सा के माध्यम से इलाज किया जा सकता है। इस थेरेपी के दौरान एक पुरुष और एक महिला थेरेपिस्ट के साथ रोगी की मीटिंग कराई जाती है। वे रोगी की समस्याओं को सुनने के बाद इलाज का चुनाव करते हैं।

एस्‍ट्रोजन हार्मोन थेरेपी लें
महिलाओं में ऑर्गेज्‍म डिस्‍फंक्‍शन की समस्‍या शरीर में एस्‍ट्रोजन हार्मोन की कमी से भी होती है। इसके ल‍िए आप एस्‍ट्रोजन हार्मोन थेरेपी भी ले सकते हैं। यह यौनांगों की संवेदनशीलता को बढ़ाता है।

पार्टनर से बात करें
कई बार आपके रिश्‍ते में चली आ रही निजी समस्‍याएं भी रिश्‍ते को प्रभावित करती है। आपसी मनमुटाव, भरोसे की कमी, रिश्‍तों में तनाव आदि के कारण आपकी सेक्‍स लाइफ प्रभावित होती है। बेहतर सेक्‍स लाइफ के ल‍िए और ऑर्गेज्‍म से जुड़ी समस्‍याओं पर अपने पार्टनर से खुलकर बात करें।