कश्मीर पर UNSC की क्लोज-डोर मीटिंग में पाकिस्तान को ही नहीं मिलेगी एंट्री

नई दिल्ली
पाकिस्तान ने पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को एक पत्र लिखकर कश्मीर में भारतीय सरकार की कार्रवाई पर आपत्ति जताई और इस पर मीटिंग बुलाने की मांग की. पाकिस्तान की इस आपत्ति पर उसके दोस्त माने जाने वाले चीन ने कहा, ये मीटिंग क्लोज-डोर होनी चाहिए यानी गुप्त मीटिंग. लेकिन इस मीटिंग में शिकायत करने वाले पाकिस्तान को ही प्रवेश नहीं मिलेगा.
आखिर क्या होती है क्लोज डोर मीटिंग? आमतौर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में क्लोज-डोर मीटिंग बहुत कम ही होती हैं. ये मीटिंग जब भी होती है, तो इसे असाधारण ही माना जाता है. पिछली बार ऐसी मीटिंग 2015 में यमन में अप्रत्याशित हिंसा को लेकर दो बार जल्दी-जल्दी हुई थी. उसके बाद अब कश्मीर मामले पर ऐसा होने जा रहा है.
क्लोज डोर का अगर अर्थ समझें तो कैंब्रिज डिक्शनरी कहती है, ऐसी मीटिंग जिसमें हर कोई आमंत्रित नहीं होता और ना ही ये पब्लिक के लिए होती है. अगर इसे संयुक्त राष्ट्र के हिसाब से समझा जाए तो मतलब है ऐसी मीटिंग जिसमें खास लोग ही शिरकत करेंगे. यहां पर खास लोगों से मतलब सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य और दो साल के कार्यकाल वाले अस्थायी सदस्य. यानी संयुक्त राष्ट्र के सभी देश इस मीटिंग में नहीं होंगे.