कांग्रेस में कैंपेन के ठेकों के लिए भी मची बंदरबांट

कांग्रेस में कैंपेन के ठेकों के लिए भी मची बंदरबांट

नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी के प्रचार अभियान का ठेका देने के लिए कांग्रेस इन दिनों एजेंसियों को फाइनल करने में जुटी है। इसके मद्देनजर हाल ही में दिल्ली में पब्लिसिटी कमिटी की एक मीटिंग भी हुई। एक तरफ जहां पार्टी तमाम एजेंसियों की तरफ से आए प्रस्तावों पर गौर कर रही है, वहीं दूसरी ओर पार्टी के प्रचार अभियान के लंबे चौड़े बजट को देखते हुए पार्टी के तमाम नेता अपनी-अपनी पहचान की कंपनी को यह ठेका दिलाने की कोशिश में लगे हैं।

 

इनमें जहां पिछले दिनों कुछ कंपनियों ने अपना प्रजेंटेशन दिया, वहीं दूसरी ओर कुछ और कंपनियों के प्रस्तावों पर विचार चल रहा है।
पता चला है कि पिछले कुछ चुनावों में प्रचार से जुड़े ठेके के काम में हुई गड़बड़ी व धांधलियां सामने आने पर इस बार हाईकमान काफी सतर्क है और लगातार पूरी प्रक्रिया पर नजर बनाए हुए है।

उल्लेखनीय है कि पार्टी के एक सीनियर नेता ने गत 30-31 जनवरी को हुई कोर ग्रुप की मीटिंग में पब्लिसिटी कमिटी की ओर से एक जानकारी दी, जिसमें अब तक सामने आए प्रस्तावों की बारे में बताया गया। चर्चा है कि इन तमाम प्रस्तावों को सीनियर नेता ने पब्लिसिटी कमिटी में डिस्कस करने की बजाय अपने स्तर पर तय कर कोर ग्रुप के सामने रखा।

कहा जाता है कि यह बात जब कांग्रेस हाईकमान के संज्ञान में आई तो उन्होंने न सिर्फ उक्त सीनियर नेता को बुलाकर इस बाबत पूछताछ की, बल्कि पब्लिसिटी कमिटी को विश्वास में लिए बिना सीधे कोरग्रुप में रिपोर्ट रखने पर कड़ी टिप्पणी की, इसके साथ ही तुरंत इन सारी बातों पर पब्लिसिटि कमिटी में डिस्कस करने की हिदायत भी दे डाली।

उल्लेखनीय है कि फंड की किल्लत से जूझ रही कांग्रेस ने 2019 के मद्देनजर अच्छा खासा बजट प्रचार अभियान के लिए रखने की योजना बनाई है। चर्चा है कि इस बार का बजट लगभग 800 करोड़ का होगा। जबकि 2014 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का बजट लगभग 500 करोड़ का था। दूसरी ओर, कांग्रेस का ठेका दिलाने के लिए तमाम नेता अपने-अपने जान-पहचान वाली कंपनियों को आगे बढ़ाने की कोशिश में लगे हैं।

इनमें कुछ ऐसी दागी कंपनियों भी इस दौड़ में शामिल बताई जा रही हैं, जिन पर पिछले कुछ चुनावों में पार्टी की ओर से गड़बड़ियों की बता उठाई गई थी। ऐसी कंपनियों में मुख्य तौर पर निक्सन व डेन्सू का नाम लिया जा रहा है। कहा जा रहा है कि पार्टी के कुछ सीनियर नेता इन एजेंसियों को आगे बढ़ा रहे हैं। रोचक बात यह है कि यह वही निक्सन कंपनी है, जिसके हालिया मध्य प्रदेश चुनावों में गड़बड़ी करने की बात सामने आई थी।