चंदा कोचर की मुश्किलें बढ़ीं, मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच शुरू
नई दिल्ली
आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चंदा कोचर की मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चंदा कोचर उनके पति दीपक कोचर, विडियोकॉन समूह के प्रवर्तक वेणुगोपाल धूत और अन्य लोगों को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी बनाने के बाद जांच शुरू कर दी है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ICICI बैंक की पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चंदा कोचर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का आपराधिक मामला दर्ज किया है। विडियोकॉन समूह को 1,875 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर करने में कथित अनियमिता और भ्रष्टाचार की जांच के सिलसिले में दर्ज इस मामले में चंदा कोचर के पति दीपक कोचर, विडियोकॉन समूह के प्रवर्तक वेणुगोपाल धूत और कुछ अन्य को भी आरोपी बनाया गया है।
अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि जांच एजेंसी ने इस मामले में पिछले महीने सीबीआई द्वारा दर्ज शिकायत का संज्ञान लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत प्रवर्तन प्राथमिकी (ईसीआईआर) दाखिल की है। अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी इस बात की भी जांच करेगी कि कहीं इस ऋण सौदे में की मंजूरी में कथित रिश्वत दी की रकम के शोधन के लिए उसका दागी सम्पत्तियों में निवेश तो नहीं किया गया है।
ईडी जल्द ही आरोपियों को सम्मन जारी कर सकता है। ईडी ने चंदा कोचर, दीपक कोचर, वेणुगोपाल धूत और उनकी कंपनी विडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और विडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को मामले में नामजद किया है।
सीबीआई ने भी इन व्यक्तियों/ इकाइयों को नामजद किया है। इसमें धूत की कंपनी सुप्रीम एनर्जी और दीपक कोचर के नियंत्रण वाली न्यूपावर रीन्यूएबल पर भी मामला दायर किया गया है। आरोप है कि धूत ने संबंधित बैंक से ऋण मंजूर करवाने के लिए दीपक कोचर को निवेश के जरिए लाभ पहुंचाया। चंदा कोचर ने एक मई 2009 को कंपनी के सीईओ का पद संभाला था।