चित्रकूट से अगवा किए गए जुड़वां बच्चों के शव UP के बांदा से बरामद

चित्रकूट से अगवा किए गए जुड़वां बच्चों के शव UP के बांदा से बरामद

बांदा            
मध्य प्रदेश के चित्रकूट से करीब दो सप्ताह पहले स्कूल बस से अगवा किए गए दो जुड़वां बच्चों के शव उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में एक नदी से बरामद किए गए हैं. उन दोनों बच्चों को बीती 12 फरवरी के दिन दो नकाबपोश बदमाशों ने स्कूल बस से बंदूक की नोक पर अगवा कर लिया था. ये वारदात स्कूल बस में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी.

बदमाशों ने वारदात को उस वक्त अंजाम दिया था, जब चित्रकूट के एक व्यापारी ब्रजेश रावत के दो जुड़वां बच्चे देवांश और प्रियांश अपनी स्कूल बस में सवार थे. उनकी उम्र 6 साल थी. पुलिस ने जब स्कूल बस में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली तो उन्होंने देखा कि बच्चों के अगवा करने आए बदमाशों के चेहरे भगवा रंग के कपड़े से ढके हुए थे.

मध्य प्रदेश पुलिस ने अपहरणकर्ताओं का पता लगाने में या उनके बारे में किसी भी तरह की सूचना देने वाले को इनाम देने का ऐलान किया है. अब इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस भी बदमाशों की तलाश कर रही है. पीड़ित परिवार एमपी-यूपी बॉर्डर के पास ही रहता है.

उधर, सतना जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी संतोष सिंह गौर ने बताया कि दोनों बच्चे को हर दिन स्कूल जाने के लिए बस से 4 किलोमीटर का सफर करना पड़ता था. पुलिस को आशंका है कि अपहरण का मामला बच्चों के पिता की रंजिश का नतीजा भी हो सकता है. पीड़ित कारोबारी तेल का व्यापार करते हैं.

एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि उनका परिवार किसी गिरोह के निशाने पर भी हो सकता है. अपहरण के तुरंत बाद, पुलिस ने एक गिरोह पर संदेह किया था. जिसे बबुली कोल गैंग के नाम से जाना जाता है. जो दोनों जुड़वां भाइयों को जंगल में ले गया था. लेकिन इस मामले में फिरौती की कोई मांग नहीं की गई.

बबुली कोल गैंग के खिलाफ हत्या, अपहरण और जबरन वसूली के कई मामलें दर्ज हैं. दिन दहाड़े हुई दुस्साहसिक अपहरण की इस वारदात ने इलाके में दहशत फैला दी. दोनों बच्चों के शव मिलने के बाद परिवार में मातम पसरा हुआ है. अभी तक पुलिस इस मामले में कुछ भी कहने को तैयार नहीं है.

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले पर एक ट्वीट करते हुए देश की क़ानून व्यवस्था पर सवाल उठाया. उन्होंने ट्वीट में लिखा 'आज बांदा में दो मज़लूम बच्चों की लाशें मिलीं. उनकी जानें गयीं और एक परिवार का भविष्य उजड़ गया. सरकारों की ज़िम्मेदारी है कि हर नागरिक को सुरक्षित रखे और दुःख है कि हाल यह है कि मां बाप बच्चों को स्कूल भेजने से भी डरेंगे! देश की क़ानून व्यवस्था अब इससे ज़्यादा क्या बिगड़ेगी?

उधर, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय से इस संबंध में एक बयान जारी किया गया है. जिसके मुताबिक 'मुख्यमंत्री कमल नाथ ने चित्रकूट से अपहृत दो मासूम देवांश और प्रियांश के शव मिलने पर गहरा दुख व्यक्त किया है. उन्होंने बच्चों के पिता ब्रजेश रावत से फोन पर बात कर सांत्वना दी.