जुड़वा भाई श्रेयांश-प्रियांश हत्याकांड के दोषियों को आजीवन कारावास

जुड़वा भाई श्रेयांश-प्रियांश हत्याकांड के दोषियों को आजीवन कारावास

चित्रकूट
 चित्रकूट में देश के बहुचर्चित जुड़वा भाई श्रेयांश और प्रियांश का स्कूल बस से अपहरण करके हत्या के मामले में फैसले की घड़ी आ गई है। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पांचाें आरोपितों को दोषी करार दिया है। आरोपितोंं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इस फैसले को लेकर एमपी यूपी के लोगों को बेसब्री से इंतजार था।

चित्रकूट में 12 फरवरी 2019 को जुड़वां भाइयों का अपहरण हुआ था। पुलिस ने 24 फरवरी 2019 को दोनों की लाश बरामद की थी। अभियोजन पक्ष की ओर से दोषियों को फांसी पर लटकाने की मांग की है। मामले में कुल 6 आरोपी थे, जिनमें से मुख्य आरोपी रामकेश यादव ने जेल में फांसी लगा ली थी। रामकेश भाइयों को घर टयूशन देता था। हत्याकांड के आरोपियों की सजा का इंतजार मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के लोगों को था। श्रेयांश-प्रियांश उत्तर प्रदेश के चित्रकूट के रहने वाले थे। दोनों मध्य प्रदेश के सतना जिले के चित्रकूट वाले हिस्से में स्थित स्कूल में पढ़ते थे। स्कूल बस से ही अपहरण कर लिया गया था।


यह है पूरा मामला
चित्रकूट के तेल कारोबारी बृजेश रावत के 6 साल के जुड़वां बेटे प्रियांश और श्रेयांश का अपहरण आरोपियों ने कर लिया था। एक करोड़ की फिरौती मांगी थी। रावत ने बेटों की खातिर 20 लाख रुपए आरोपियों को दे भी दिए थे, लेकिन हैवानों ने दोनों बेटों को मौत के घाट उतार कर यूपी के बांदा जिले में यमुना नदी में पत्थर बांधकर फेंक दिया था। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने 24 फरवरी 2019 को दोनों मासूमों की डेड बॉडी यमुना नदी से बरामद की थी।


मुख्य आरोपी ने जेल में लगा ली थी फांसी
पुलिस ने घटना के आरोपी पद्मकान्त शुक्ला पिता रामकरण शुक्ला निवासी जानकीकुंड, राजू द्विवेदी पिता राकेश द्विवेदी निवासी भमुआ, विक्रमजीत सिंह पिता प्रहलाद सिंह निवासी भमामा थाना जमुई बिहार, लकी तोमर पिता सतेंद्र तोमर निवासी तेंदुरा थाना बिसंडा, रामकेश यादव पिता रामशरण यादव, पिंटा यादव पिता रामस्वरूप यादव को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जेल में आरोपी रामकेश ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। आरोपी रामकेश जुड़वा भाइयों को ट्यूशन पढ़ाता था। उसी ने दोनों को अगवा कर मोटी रकम वसूलने के लिए पद्मकान्त शुक्ला के साथ मिलकर योजना बनाई थी।

887 दिन बाद सुनवाई पूरी
मासूमों के अपहरण और हत्या की घटना के बाद गुस्से में लोग सड़कों पर उतर आए थे। ढाई साल के लंबे इंतजार के बाद सतना कोर्ट के सप्तम एडीजे प्रदीप कछवाह ने मामले में सुनवाई पूरी की। फरियादी के वकील रामरूप पटेल और रमेश पांडेय ने बताया कि कोर्ट ने पद्मकान्त शुक्ला, राजू द्विवेदी और लकी तोमर को हत्या और अपहरण में दोषी पाया है। वहीं, विक्रमजीत सिंह और पिंटा यादव को अपहरण और आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया है। अब पांचों को दोहरी उम्र कैद की सजा सुनाई है।

छावनी में तब्दील रहा कोर्ट
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने जिला न्यायालय को छावनी में तब्दील करवा दिया था। सुबह खुद पुलिस अधीक्षक न्यायालय पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।