जेपी सेतु पर ओवरलोडिंग से हो सकता है पुल को खतरा

जेपी सेतु पर ओवरलोडिंग से हो सकता है पुल को खतरा

हाजीपुर                                                                       
जेपी सेतु से भारी वाहनों के परिचालन के सरकार के आदेश के बाद रेलवे ने स्वत: संज्ञान लेते हुए बिहार राज्य सड़क विकास निगम को पत्र लिखा है। लिखे गए पत्र में कहा गया है कि ओवरलोड वाहनों के परिचालन से जेपी सेतु को खतरा उत्पन्न हो सकता है। पत्र में ओवरलोड वाहनों के परिचालन से बचने और सभी तरह के एहतियात बरतने की सलाह रेलवे के अफसरों ने दी है। 

इस संबंध में पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि बिहार सरकार की ओर से जेपी सेतु पर भारी वाहनों के परिचालन की अनुमति देने की जानकारी मिलने पर रेलवे ने स्वत: संज्ञान लिया है। इसके बाद बिहार राज्य सड़क विकास निगम को एक पत्र के माध्यम से सलाह दी गई है। इसके अनुसार जेपी सेतु पर आईआरसी क्लास 70आर और आईआरसी क्लास तक के लोडेड वाहनों के परिचालन की अनुमति है। पुल पर ओवरलोडिंग से बचने के लिए निगम को सभी तरह के एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि किसी भी पुल या सड़क पर ओवरलोड वाहनों के परिचालन से खतरा उत्पन्न हो सकता है। 

ऐसे में जब जेपी सेतु पर लोड वाहनों के परिचालन कि अनुमति के बाद रेलवे ने जिस तरह से स्वत: संज्ञान लेते हुए निगम को पत्र लिखा है, तो जेपी सेतु के भविष्य के बारे में लोगों कि चिंताएं भी सामने आने लगी हैं। 

स्थानीय लोग भी कर रहे हैं विरोध
सोनपुर के गंगाजल, खरिका, मिर्जापुर, भरपुरा, सुल्तानपुर, गोविंदचक आदि गांवों के लोग भी जेपी सेतु पर ट्रकों के परिचालन से नाराज हैं। उनका कहना है कि इससे जाम, प्रदूषण सहित अन्य समस्याओं से जूझना पड़ेगा। घनी बस्ती से होकर बड़े ट्रक गुजरेंगे तो हादसे भी काफी बढ़ जाएंगे। स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधि भी इसका विरोध शुरू चुके हैं। भाजपा के राज्य परिषद सदस्य राकेश कुमार सिंह बताते हैं जेपी सेतु पर ट्रकों का परिचालन प्रारंभ करने मुद्दे को सारण सांसद राजीव प्रताप रूडी ने लोकसभा में काफी गंभीरता से उठाया है और जेपी सेतु पर ट्रकों का परिचालन रोकने की मांग करते हुए इसे छोटे वाहनों के लिए ही खुला रखने की बात कही है।