जो जितना रोजगार देगा उसे मिलेगी उतनी सुविधा

भोपाल
मुख्यमंत्री कमलनाथ मंलगवार को प्रदेश में निवेश करने वाले उद्योगपतियों से मिले। यह बैठक करीब ढाई घंटे तक चली। जिसमें मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों से वन टू वन चर्चा की। निवेशकों को आकर्षित करने और रोजगार बढ़ाने मुख्यमंत्री ने कहा कि जो जितना रोजगार देगा उसे उतनी सुविधा दी जाएगी।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री नाथ ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि मैंने कई उद्योगपतियों से चर्चा की, उनकी परेशानी और कष्ट को जाना ताकि प्रदेश में रोजगार बढ़ाने के लिए नीति में बदलाव किया जा सके। सीएम ने कहा कि निवेश हमेशा विश्वाकस पर आता है डिमांड पर नहीं। बैठक में मैंने सबसे पहला सवाल निवेशकों से यही किया कि आपको सरकार की आलोचना करनी है। कहां, कैसे आपको समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, उसका समाधान क्या हो सकता है, आप सुझाव दें।
उन्होंने बताया कि चर्चा में यह साफ निकल कर आया है उद्योगपति खुद यह प्रचार कर रहे है कि मप्र में निवेश का वातावरण ठीक नहीं है। उन्होंने उदाहरण दिया कि एक उद्योगपति को 30 एकड़ जमीन पंप बनाने के लिए मिली लेकिन उसने मोटर पार्ट्स बनाना चाहा तो उसे यह करने से रोका गया। पिछली सरकार ने निवेशकों के लिए डर का माहौल बना दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पिछली बात ना करते हुए आगे के बारे में काम करेंगे। जिस भी चीज से आर्थिक गतिविधियां बढ़ेगी हम उसे सहयोग देकर आगे बढ़ाएंगे। नाथ ने कहा कि हम ऐसे निवेश पर विश्वायस नहीं करते कि 500 करोड़ लगाया और 150 लोगों को रोजगार दिया। हम उन उद्योगपतियों को बढ़ावा देंगे जो 100 करोड़ निवेश करें और जिससे 1000 लोगों को रोजगार मिल सके। जितना रोजगार उसे उतनी सुविधा दी जाएगी।
10 इंडस्ट्री की मॉनिटरिंग करेगा एक अफसर
मुख्यमंत्री नाथ ने कहा कि प्रदेश के हर 10-12 इंडस्ट्री की मॉनिटरिंग के लिए एक अनुभवी अफसर को प्रभारी बनाया जाएगा। जो ना सीनियर होगा और ना ही जूनियर। जिसे अनुभव होगा उसकी जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने साफ कर दिया कि ये अधिकारी सीधे मुख्यमंत्री से संपर्क में रहेंगे। प्रभारी अफसर उद्योगपतियों को आ रही समस्याएं हल करने का प्रयास करेंगे।
अगली बैठक सर्विस सेक्टर के लोगों से
मीडिया से चर्चा करते हुए नाथ ने बताया कि यह कोई इंवेस्टर्स समिट नहीं है। मैं यह जानने की कोशिश कर रहा हूं कि हमारे प्रदेश में उद्योगपतियों को किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हर सेक्टर की एक अपनी नीति होनी चाहिए। हम ‘वन साइज फिट ऑल’ की नीति के पक्ष में नहीं है। आज उद्योगपतियों से चर्चा हुई, आगे में सर्विस सेक्टर, फूड प्रोसेसिंग, टूरिज्म, गारमेंट्स, आईटी जैसे तमाम सेक्टर के लोगों से मिलकर उसके सुझावों पर काम करुंगा ताकि प्रदेश में विश्वाकस का माहौल बन सके। बंद पड़े उद्योगों से बात कर उन्हें फिर से शुरू करने का प्रयास किया जाएगा।