दीपांशु काबरा को रायपुर आईजी बनाने की कवायद तेज

रायपुर
 रायपुर में एसएसपी रहे बिलासपुर आईजी दीपांशु काबरा को रायपुर लाने की कवायद तेज हो गई है। पुलिस मुख्यालय में इसे लेकर चर्चा है। दरअसल विधानसभा का मानसून सत्र समाप्त होने के बाद सरकार की ओर से आखिरी प्रशासनिक सर्जरी की कवायद शुरू की गई है। इसी क्रम में कुछ रेंज के आईजी और जिले के पुलिस कप्तानों को इधर से उधर करने की तैयारी है। चर्चा है कि महीने में आखिरी प्रशासनिक सर्जरी की जाएगी।

पुलिस मुख्यालय के सूत्रों ने बताया कि विधानसभा चुनाव की अधिसूचना अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में जारी होना तय है। ऐसे में चुनाव आयोग एक ही रेंज व जिले में पदस्थ आईजी और एसपी को हटाने की कवायद करेगा। इसे ध्यान में रखकर सरकार ने पहले से ही तैयारी कर रखी है। इसकी शुरुआत प्रदेश की राजधानी रायपुर और बिलासपुर से की जाएगी।

चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार विस चुनाव के दौरान गृह जिले के अफसर को उसी जिले में तैनात नहीं रखा जा सकता है, ऐसे में रायपुर रेंज के आईजी प्रदीप गुप्ता का हटना तय माना जा रहा है क्योंकि वे रायपुर के मूल निवासी हैं। उन्हें रायपुर से हटाकर सरगुजा या बिलासपुर की कमान सौंपी जा सकती है। उनके स्थान पर बिलासपुर आईजी दीपांशु काबरा को रायपुर आईजी बनाया जाना करीब-करीब तय कर लिया गया है।

सूत्रों की मानें तो रायपुर आईजी के तौर पर दीपांशु काबरा की पदस्थापना को लेकर सरकार के साथ मुख्यालय के अफसर भी एकमत हैं। इसके पीछे वजह यह भी है कि वे रायपुर की नब्ज को अच्छी तरह जानते हैं। छह साल पहले रायपुर में एसएसपी रह चुके काबरा के कार्यकाल को आज भी लोग याद करते हैं।

अफसरों से लेकर मंत्री, नेताओं, पक्ष-विपक्ष के जनप्रतिनिधि तक उन्हें सभी को एक साथ लेकर चलने और सुनने वाला कड़क मिजाज अफसर बताते हैं। लिहाजा पुलिस मुख्यालय ने भी काबरा को रायपुर आईजी बनाने के संकेत दिए हैं। इससे पहले भी जब वे एसआइबी में डीआईजी फिर आईजी पदोन्नात हुए थे तब उन्हें रायपुर लाने की चर्चा चली थी, लेकिन किसी कारणवश सहमति नहीं बन पाई थी।

हिमांशु दूसरे नंबर पर

रायपुर रेंज के नए आईजी के तौर पर सबसे पहला नाम दीपांशु काबरा का चल रहा है। उसके बाद दूसरे नंबर पर सरगुजा रेंज के आईजी हिमांशु गुप्ता का नाम लिया जा रहा है। दरअसल दोनों आईपीएस अफसरों की कार्यक्षमता बेहतर होने के साथ प्रशासनिक पकड़ भी है। लिहाजा विधानसभा चुनाव में इनका तजुर्बा काम आएगा। सूत्रों का कहना है कि रायपुर आईजी के लिए इन दोनों अफसरों के अलावा तीसरा कोई विकल्प न तो मुख्यालय और न ही सरकार के पास है।

इन जिलों के बदले जाएंगे एसपी

दंतेवाड़ा एसपी कमललोचन कश्यप का साढ़े चार साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। इस वजह से उनका हटना तय माना जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि कमललोचन नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में लंबे समय तक पदस्थ रहे हैं, लिहाजा उन्हें या तो पुलिस मुख्यालय या फिर रायगढ़ का एसपी बनाया जा सकता है।

उनकी जगह पर किसी आईपीएस अवार्ड अफसर को दंतेवाड़ा में पदस्थ करने का विचार है। जबकि बिना आईपीएस अवार्ड हुए जिला संभाल रहे पांच पुलिस अधीक्षकों लाल उम्मेद सिंह कवर्धा, रजनेश सिंह धमतरी, विवेक शुक्ला कोरिया, प्रशांत ठाकुर जशपुर कोरिया तथा बलरामपुर जिले के एसपी का हटाना तय है।

सूत्रों का दावा है कि अगर सितंबर तक राज्य प्रशासनिक सेवा के इन अफसरों का आईपीएस अवार्ड नहीं हुआ, तो पांचों को हटाने मजबूरी मुख्यालय की होगी।