निठारी कांडः 10वें मामले में भी सुरेंद्र कोली को सजा-ए-मौत
गाजियाबाद
नोएडा के निठारी गांव में महिलाओं के साथ दुष्कर्म और हत्या के नौ मामलों में मौत की सजा पा चुके सुरेंद्र कोली को शनिवार को दुष्कर्म और हत्या के दसवें मामले में भी सजा-ए-मौत सुनाई गई। यहां केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की विशेष अदालत ने नोएडा के उद्योगपति मोनिंदर सिंह पंधेर के नौकर कोली के खिलाफ सजा सुनाई।
2005-06 में 16 लड़कियों से दुष्कर्म के बाद हत्या और कुछ मामलों में नरभक्षण के दोषी कोली को इससे पहले नौ मामलों में मौत की सजा सुनाई जा चुकी है। तीन मामलों में पंधेर भी आरोपी था और उसे मौत की सजा सुनाई गई थी लेकिन इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक मामले में उसे बरी कर दिया। दिसंबर 2006 में नोएडा के निठारी गांव में पंधेर के घर के पीछे नाले से मानव-अवशेष मिलने पर जघन्य हत्याओं का यह मामला प्रकाश में आया था।
यह मामला एक नाबालिग लड़की का अपहरण करके बेरहमी से उसकी हत्या करने का था। हत्या के बाद उसने लड़की के शव के साथ रेप का प्रयास भी किया था। कोली ने अपने बयान में कहा था कि उसने लड़की के शव के टुकड़े कर दिए थे। इसके बाद उसने नाबालिग की छाती को काटकर मांस कुकर में पकाकर खाया था।
क्या है मामला
सीबीआई के विशेष लोक अभियोजन अधिकारी जेपी शर्मा ने बताया कि मूलरूप से पश्चिम बंगाल की रहने वाली 14 वर्षीय किशोरी अपने माता-पिता के साथ निठारी गांव में रहती थी। नाबालिग की मां लोगों के घरों में मेड का काम करती थी। किशोरी भी मां के काम में हाथ बंटाती थी। वहीं, उसका पिता चाय की दुकान चलाता था। 15 मार्च 2005 को नाबालिग अपने घर से नोएडा के सेक्टर-31 गई थी। देर शाम तक जब वह वापस नहीं लौटी तो उसके पिता ने उसे सभी संभावित स्थानों पर तलाश किया लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। इसके बाद उसके पिता ने नोएडा सेक्टर-20 थाने में 16 मार्च 2005 को बेटी की गुमशुदगी की तहरीर दी थी। उस दौरान निठारी से लगातार गायब हो रहे बच्चों को लेकर नोएडा पुलिस काफी परेशान थी।
कोली ने कबूला था हत्या का जुर्म
पुलिस ने 29 सितंबर 2006 को निठारी कांड के अभियुक्त सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंधेर को गिरफ्तार कर बच्चों के गायब होने के मामले का खुलासा किया था। कोली ने पूछताछ के दौरान एक महिला और कई बच्चों की हत्या करने का जुर्म कबूल किया था। पुलिस ने कोली की निशानदेही पर कोठी संख्या डी-5 के पीछे नाले से बच्चों की हड्डियां, कंकाल, जूते-चप्पल और कपड़े बरामद किए थे। इसके बाद इस मामले को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया था।
सीबीआई ने जांच के बाद कोली और पंधेर के खिलाफ 19 मामले दर्ज किए थे। कोली ने पूछताछ के दौरान नाबालिग की हत्या करने का जुर्म कबूल कर लिया था। कोली ने सीबीआई को बताया था कि उसने नाबालिग को कोठी के बाहर रोक लिया था। इसके बाद वह उसे बहला-फुसलाकर कोठी के अंदर ले गया। जहां उसने चुन्नी से गला घोंटकर नाबालिग की हत्या कर दी थी।
इसके बाद उसके साथ रेप करने का प्रयास भी किया था। रेप के प्रयास में सफल न होने पर उसने नाबालिग के शव के टुकड़े कर दिए थे। शुक्रवार को इस मामले में अंतिम सुनवाई हुई। कोर्ट ने सुनवाई के बाद पेश सबूतों और गवाहों के बयान के आधार पर कोली को अपहरण, हत्या, रेप का प्रयास और साक्ष्य मिटाने की धाराओं में दोषी करार दिया और सजा-ए-मौत सुनाई।
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