प्राइमरी स्कूलों में अनुदेशकों को बढ़ा मानदेय देने का निर्देश

प्रयागराज
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत अनुदेशकों को 17 हजार रुपये प्रतिमाह के हिसाब से बढ़ा हुआ मानदेय देने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने भोलानाथ पांडेय व अन्य की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने अनुदेशकों के मानदेय में की गई कटौती को उनका उत्पीड़न मानते हुए अनुदेशकों को नौ फीसदी ब्याज का भुगतान करने का निर्देश भी दिया है। साथ ही अनुराग व अन्य के मामले में लखनऊ बेंच के आदेश को भी इस मामले में लागू करने को कहा है।
याचिका में कहा गया था कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अनुदेशकों का मानदेय बढ़ाकर 17000 रुपये कर दिया है। बाद में न्याय विभाग की आपत्ति पर इसे घटा दिया गया और उन्हें 8440 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया गया। अनुराग के मामले में लखनऊ बेंच ने प्रदेश शासन के मुख्य सचिव व सज्ञ शिक्षा अभियान के निदेशक को अनुदेशकों को 17 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय देने का निर्देश दिया।
दूसरी तरफ सरकार ने अनुदेशकों का मानदेय घटाकर 9800 रुपये प्रतिमाह कर दिया। अनुदेशकों का कहना है कि इसके बाद भी उन्हें 9800 की जगह 8470 रुपये मानदेय ही दिया जा रहा है। कोर्ट ने इसे उत्पीड़न मानते हुए काटी गई रकम का नौ प्रतिशत ब्याज देने का निर्देश दिया है।