बिहार में डिजिटल क्रांति लाने की कोशिशों में जुटे रविशंकर प्रसाद
पटना
कभी बीमारू माने जाने वाले बिहार में डिजिटल क्रांति संभव है क्या? इसे संभव कर दिखाने का बीड़ा उठाया है केंद्रीय कानून, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने. रविवार को पटना में टाटा कंसल्टेंसी सर्विस यानी टीसीएस के उद्घाटन के बाद साफ हो गया कि पटना से शुरू होकर ये डिजिटल क्रांति पूरे बिहार के लिए मील का पत्थर साबित होगी. 1500 सीटों वाले इस सेन्टर से डिजिटल दुनिया में प्रवेश करने के इच्छुक युवाओं को खास लाभ मिलेगा.
टीसीएस के लॉन्च के बाद दिल्ली पहुंचे रवि शंकर प्रसाद से न्यूज़18 ने बात की तो पता चला कि दुनिया की नामी कंपनी टीसीएस को बिहार लेन में उन्हें एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ा था. रविशंकर ने टीसीएस को ये समझने में कोई कसर नही छोड़ी कि उन्हें इंक्लूसिव ग्रोथ का लक्ष्य रखना चाहिए. रविशंकर प्रसाद ने बताया कि चाहे बेंगलुरु हो या फिर गुरुग्राम या फिर दुनिया का कोई भी देश हो, वो जहां भी जाते बिहार के लोग मिलते थे और बिहार को डिजिटल बनाने की बात पूछते थे. बतौर बिहारी उन्हें भी लगने लगा था कि बिहार में डिजिटल क्रांति की जरूरत है.
तभी तो मंत्री बनते ही उन्होंने इसका बीड़ा उठाया और टीसीएस पहली बड़ी कंपनी बनी जिसने बिहार में शुरुआत की है. रवि शंकर प्रसाद कहते हैं कि बिहार के युवा में इससे खास उत्साह है और ये बिहार में डिजिटल क्रांति की शुरुआत भी है. टीसीएस आईटी और आईटी सर्विसेज का एक ऐसा ग्लोबल ब्रांड है जिसमे 1 लाख लोग काम करते हैं और उसमे दुनिया के 149 देशों के एक्सपर्ट भी शामिल हैं. टीसीएस की उपस्थिति सऊदी अरब जैसे देशों में भी है जहां पर्दा होने के बावजूद महिलाएं भी भरोसे के साथ काम कर रही हैं.
ऐसी ही क्रांति की शुरुआत और माहौल रविशंकर प्रसाद बनाना चाहते हैं. पिछले कार्यकाल में रवि शंकर प्रसाद ने पूरे बिहार में 12 बीपीओ शुरू कराए थे. इनमे 9 पटना, 1 मुजफ्फरपुर में काम कर रहा है और 1 गया में शुरू होने वाला है. पटना और आस-पास के 40 गांव डिजिटल हो चुके हैं. केंद्र सरकार की नई योजना के तहत बिहार के लगभग 5000 गांव को डिजी गांव यानी डिजिटल विलेज बनाने का ऐलान हो चुका है. इससे अमलीजामा जल्दी ही पहना दिया जाएगा.
रवि शंकर अपने तमाम भाषणों में बिहार में आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर दुरुस्त करने की बात करते रहे हैं और अब पटना साहिब से पहली बार लोक सभा चुनाव जीत कर दिल्ली आ चुके हैं तो उम्मीद की जा रही है कि अपनी राजनीतिक स्किल से वो बिहार का फायदा जरूर कर पाएंगे.