बेटियों ने बेटा बन मां का किया अंतिम संस्कार
बालाघाट
यहां पहली बार बेटियों द्वारा अंतिम संस्कार करने का मामला सामने आया है। श्मशान में उस वक्त लोगों की आंखें नम हो गईं, जब 4 बेटियों ने मिलकर अपनी मां का अंतिम संस्कार किया। हालांकि कुछ लोगों ने बेटियों से मां का अंतिम संस्कार करने मना भी किया। लेकिन बेटियों ने कहा जब हम हैं तो किसी ओर से अंतिम संस्कार करने क्यों कहें। ये हमारा फर्ज है।
जानकारी के मुताबिक ग्राम भंडामुर्री निवासी प्रमिला काफी समय से बीमार चल रही थी। उनका आज दोपहर में देहांत हो गया। पति का निधन काफी पहले ही हो चुका है। प्रमिला के कोई बेटा नहीं है। ऐसे में प्रमिला का अंतिम संस्कार कौन करेगा इस पर गांव में चर्चा होने लगी। बेटियां भी अपनी-अपनी सुसराल से मां की मौत की खबर के बाद मायके आ गईं थी। ग्रामीणों ने कहा कि बेटियां अंतिम संस्कार नहीं कर सकती। किसी रिश्तेदार को बुलाकर अंतिम संस्कार कराओ।
पंचायत ने किया था मना
इसके बाद पंचायत बैठी और बेटियों को बुलाया गया। पंचायत में बेटियों ने कहा कि हमारे रहते हुए मां का अंतिम संस्कार कोई और क्यों करेगा। पंचायत के काफी समझाने के बाद भी बेटियां नहीं मानी। अंतत: पंचायत ने बेटियों के पक्ष में अपनी राय दे दी। इसके बाद बेटियों ने ग्रामीणों की मदद से मां की अर्थी सजाई और गांव की परंपरा के अनुसार शव यात्रा गाजे-बाजे के साथ श्मशान घाट पहुंची। यहां बेटियों कृष्णा, लक्ष्मी, मंजुलता और दुर्गेश्वरी पहले मां की चिता सजाने के बाद पूरे कर्मकांड किए। इसके बाद सभी ने ग्रामीणों की मदद से मां की चिता को अग्नि दी।