भारतीय सीमा के पास तिब्बत में चीनी सेना का दूसरा अभ्यास
पेइचिंग
चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा के पास तिब्बत में एक पखवाड़े के बाद दूसरी बार अभ्यास किया है। इस अभ्यास में पायलटों और स्पेशल फोर्सेज ने हिस्सा लिया। इनमें हेलिकॉप्टर के पायलटों की ग्राउंड ट्रेनिंग और ऊंचाई वाले स्थानों पर अपने कौशल की जांच शामिल थी। चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के आधिकारिक अखबर पीएलए डेली के मुताबिक, तिब्बत के ऊंचाई वाले क्षेत्र में एक काल्पनिक सीमा बनाई गई और 'दुश्मन की सीमा के पीछे जाकर' हमला करने का अभ्यास किया गया।
डेली के मुताबिक, 'पायलट और स्पेशल फोर्सेज हेलिकॉप्टर से नीचे उतरे और साथ में मिशन को पूरा किया।' एक पखवाड़े बाद दूसरा सैन्य अभ्यास है जिसपर चीनी मीडिया ने प्रकाश डाला है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले 29 जून को आधिकारिक मीडिया ने बताया था कि चीनी सैनिक तिब्बत में जमा हुए हैं और भारत से सटे हिमालय क्षेत्र में अभ्यास किया है।
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, सैन्य विशेषज्ञ सॉन्ग जोंगपिंग ने कहा कि हालिया सैन्य अभ्यास में भारत के साथ संभावित सैन्य संघर्ष के लिए सैनिकों को तैयार किया गया। सॉन्ग ने कहा, 'किसी भी सैन्य प्रशिक्षण के लिए काल्पनिक विपक्षी ताकत का होना सामान्य सी बात है। इस मामले में, यह निश्चित है कि कौन टारगेट है, जब अभ्यास तिब्बत के पठार पर किया जा रहा है।'
सॉन्ग ने कहा, 'दुश्मन की लाइन से पीछे जाकर हमला करना, एक प्रभावी ऑपरेशन है जो कि युद्ध जीतने की कुंजी हो सकता है। सभी सुरक्षा बलों के लिए इस किस्म का अभ्यास मूल्यवान है।' पीएलए डेली के मुताबिक, चीनी पायलट इस साल से स्पेशल फोर्सेज के साथ ट्रेनिंग कर रहे हैं ताकि वे एक-दूसरे की जरूरत को समझ सकें और युद्ध में सहयोग बढ़ा सकें। वहीं, सॉन्ग बताते हैं कि स्पेशल फोर्सेज के साथ ट्रेनिंग के कारण पायलट जंगली इलाके में सर्वाइव करने की अपनी क्षमता को बढ़ा पाएंगे। उनके मुताबिक, तिब्बत में ऊंचाई, कम वातावरणीय दबाव, हल्की हवा और अपेक्षाकृति कम तापमान के कारण मिलिट्री ऑपरेशन कठिन है।
इससे पहले चीनी मीडिया में खबर थी कि चीन अरुणाचल प्रदेश की सीमा के करीब तिब्बत में मानवरहित ऑटोमेटिक ऑब्जर्वेशन स्टेशन स्थापित करने जा रहा है। ताकि यह अपने फाइटर चेट और मिसाइल लॉन्च को मौसम संबंधी जानकारी दे सके।