यूपी DGP बोले, बुलंदशहर हिंसा में साजिश की बू

यूपी DGP बोले, बुलंदशहर हिंसा में साजिश की बू

लखनऊ 
यूपी में बुलंदशहर के स्याना गांव में गोकशी के शक में भड़की हिंसा और इंस्पेक्टर सुबोध कुमार समेत दो लोगों की मौत के बाद भी कई सवालों के जवाब अब तक नहीं मिले हैं। आखिर वहां गोकशी की अफवाह किसने फैलाई? इतनी तादाद में भीड़ कहां से आई? भीड़ के हाथों में हथियार किसने दिए? पुलिसवालों के खिलाफ भीड़ को उकसाने का आरोपी योगेश राज अब तक क्यों फरार है...? इन सारे अनसुलझे सवालों के बीच अब यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने बड़ा बयान दिया है। 


ओपी सिंह ने कहा, 'बुलंदशहर हिंसा एक बड़ा षडयंत्र था। वहां जो हुआ, वह सिर्फ लॉ ऐंड ऑर्डर का मुद्दा नहीं था, बल्कि साजिश थी। वहां पर गायें कैसे पहुंचीं? उन्हें कौन और क्यों लाया था? किन परिस्थितियों में वे पाई गईं? कई सारे सवाल इस घटना को लेकर उठ रहे हैं। इस घटना को 6 दिसंबर से पहले अंजाम दिया गया और इससे साजिश की बू आ रही है। अभी तक पुलिस जांच पर चल रही थी। अब रिवर्स पुलसिंग पर चलेंगे।' वहीं, यूपी सरकार ने भी इस घटना के पीछे किसी साजिश की आशंका जताई है। 

डीजीपी ने सवाल उठाए कि आखिर ऐसी क्या बात थी कि इस घटना को लेकर बुलंदशहर और 3 दिसंबर को ही चुना गया? वहां गायें कैसे आईं? उन्हें किसने काटा? उनके पीछे क्या कारण था? यहां तक कि सबसे बड़ा सवाल यह है कि एक ही जगह पर इतना गोमांस कैसे आया? 

डीजीपी ने कहा कि इस घटना पर पुलिस और एसआईटी की जांच चल रही है। इसके अलावा उन्होंने एक और टीम जांच में लगाई है। जो घटना की जांच साजिश के ऐंगल से कर रही है। उन्होंने कहा कि यह सब जानबूझकर 6 दिसंबर से पहले किया गया। 

अधिकारियों को सख्त निर्देश 
इधर, यूपी सरकार के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर हिंसा मामले में अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि एक अभियान चलाकर माहौल खराब कर रहे तत्वों को बेनकाब किया जाए। साथ ही इस प्रकार की साजिश रचने वालों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जाए। 

शिवसेना का बीजेपी पर गंभीर आरोप 
इस बीच शिवसेना ने कहा कि जिस सुबोध कुमार सिंह नामक पुलिस अधिकारी की इस हिंसा में बलि चढ़ी है, उसके भाई और बहनों ने कई आरोप लगाए हैं। 2015 में उत्तर प्रदेश के दादरी में हुई अखलाक की हत्या की तफ्तीश उन्होंने ही की थी। शिवसेना ने सवाल किया, ‘बुलंदशहर में गोहत्या की आशंका के चलते जो हिंसा हुई, उसमें भी ऐसा ही कुछ हुआ है क्या?'