शाजाुपर के सांसद और कालापीपल विधायक बाढ़ पीड़ितों के लिए आमने सामने

भोपाल
शाजापुर जिले की एक विधानसभा में आई बाढ़ ने सांसद और विधायक को आमने-सामने ला दिया है। लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश में सांसद और विधायक का आमने-सामने होने का यह पहला मामला है। दरअसल कालापीपल विधानसभा क्षेत्र के कुछ गांवों में आई बाढ़ को लेकर सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी द्वारा मुख्यमंत्री कमलनाथ को लिखे गए पत्र के बाद यह स्थिति बनी है।
कालापीपल के खोखराकलां, गणेशपुर, निपानियाखंजर, घाटखेड़ी, पारदाखेड़ी, झूंडी सहित कई गांव हाल ही में बाढ़ की चपेट में आए थे। इन गांवों को लेकर देवास-शाजाुपर के सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी ने एक पत्र मुख्यमंत्री कमलनाथ को लिखा। इस पत्र के बाद वे और कालापीपल विधायक कुणाल चौधरी आमने-सामने आ गए। सोलंकी ने पत्र के जरिए इन गांवों में सर्वे कराकर पीड़ितों को तत्काल मदद करने की बात की है। वहीं कुणाल चौधरी ने कहा कि जब पत्र लिखा तब तक हमारी सरकार ने दो करोड़ रुपए मुआवजे के लिए मंजूर कर दिए थे।
जब बाढ़ आई थी, तब सांसद को क्षेत्र के लोगों की जान बचाने की चिंता नहीं थी। वे दिल्ली में थे। मैं खुद नाव से लोगों के पास तक पहुंचा था। उन्हें सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया था और खाने-पीने की तत्काल व्यवस्था की थी। उनको पता होना चाहिए कि एक करोड़ 35 लाख रुपए तो पीड़ितों के खातों में पहुंच गए हैं। सोमवार तक 50 लाख रुपए और पीड़ितों के खाते में पहुंच जाएंगे। पत्र लिखकर सांसद रस्म अदायगी न करें। वे आसमानी सांसद है जो जमीन हकीकत से दूर हैं।
भाजपा आसमान में नहीं जमीन पर लोगों की मदद करती है। इसलिए हमने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखा। सर्वे में चुनिंदा लोगों को शामिल किया गया। पत्र लिखकर कोई गुनाह नहीं किया, यह मेरा अधिकार है। मैं दिल्ली से सीधे पीड़ित गांवों में पहुंचा। मैंने पीड़ितों को गले लगाया। अब तक एक भी पीड़ित को कुछ नहीं मिला। मेरे पास आठ विधानसभाएं हैं, विधायक के पास एक विधानसभा होती है। यदि मुआवजा नहीं मिला तो धरना दूंगा इसके बाद भी कुछ नहीं हुआ तो इससे बढ़ा आंदोलन भी करुंगा।