सचिन तेंदुलकर को याद आए सर डॉन ब्रेडमैन, ट्विटर पर शेयर की खास पोस्ट

नई दिल्ली
दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने ऑस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज दिवंगत डॉन ब्रेडमैन (Sir Don Bradman) को उनकी 111वीं वर्षगांठ पर श्रद्धांजलि दी। सचिन ने ऑस्ट्रेलिया के पूर्व लेग स्पिन गेंदबाज शेन वॉर्न के साथ 1998-99 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर ब्रेडमैन से मुलाकात की थी। ब्रेडमैन का जन्म 27 अगस्त 1908 को हुआ था। तेंदुलकर उनके 90वें जन्मदिन के जश्न में शामिल हुए थे, जिसकी यादें उनके जेहन में आज भी ताजा हैं।
'सर' की उपाधि से नवाजे गए ब्रेडमैन को टेस्ट क्रिकेट में 100 का औसत बनाने के लिए अपनी आखिरी टेस्ट पारी में चार रन बनाने की जरूरत थी, लेकिन वो शून्य पर आउट हो गए। ब्रेडमैन ने अपने 52 टेस्ट मैचों के करियर में 99.94 के औसत से 6996 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 29 शतक लगाए जिसमें 12 दोहरे शतक भी शामिल हैं।
A lot of people remember Sir Don Bradman for his extraordinary batting; I remember him more for his graciousness and sense of humour that I experienced when I had the privilege of spending some time with him in 1998. pic.twitter.com/pF1KJ7S9Fq
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) August 27, 2019
तेंदुलकर ने ट्वीट किया, “कई लोग सर डॉन ब्रेडमैन को उनकी अतुलनीय बल्लेबाजी के लिए जानते हैं, लेकिन मैं उन्हें दयालु स्वभाव और मजाकिया लहजे के लिए जानता हूं जो मैंने तब अनुभव किया था जब मैं 1998 में उनसे मिला था।”
ब्रेडमैन को दुनिया का सर्वकालिक महान बल्लेबाज माना जाता है। उन्हीं की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया ने क्रिकेट में अपनी पहचान बनानी शुरू की थी। ब्रेडमैन का टेस्ट में 99.94 का औसत है और यह रिकॉर्ड अभी तक कायम है। इसके आस-पास भी अभी तक कोई नहीं पहुंच पाया है।
ब्रेडमैन ने सचिन के बारे में कहा था कि वह उन्हें अपनी याद दिलाते हैं। बता दें कि सचिन तेंदुलकर और डॉन ब्रेडमैन की जिंदगी में 14 अगस्त का दिन खास मायने रखता है। दरअसल, 14 अगस्त 1990 को सचिन तेंदुलकर ने अपने टेस्ट करियर का पहला शतक जड़ा था। सचिन तेंदुलकर ने 14 अगस्त 1990 में मात्र 17 साल की उम्र में अपना पहला टेस्ट शतक बनाया था और भारत को हार से बचाकर टेस्ट मैच को ड्रॉ करवाया था।
वहीं, 14 अगस्त, 1948 के दिन सर डॉन ब्रेडमैन ने अपनी करियर की आखिरी मैच खेला था। लेकिन यह आखिरी मैच उनके लिए यादगार नहीं बन पाया। दुनिया के सबसे महान बल्लेबाज अपने आखिरी मैच में जीरो पर आउट हो गए थे। अगर ब्रेडमैन 4 रन भी बना लेते तो उनका करियर औसत 100 का हो जाता और 7000 रनों का आंकड़ा भी पूरा हो जाता।