मालदीव के राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए पीएम मोदी
माले
पड़ोसी मुल्क मालदीव से संबंधों को नया आयाम देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। एयरपोर्ट पर उनका शानदार स्वागत हुआ। कुछ ही देर में पूर्व राष्ट्रपति और भारत के मित्र माने जानेवाले मोहम्मद नाशीद समेत कई नेताओं से गले मिलने की तस्वीरें भी आईं। पीएम मोदी ने नाशीद को गले लगाया और कई बार पीठ थपथपाई। यह गर्मजोशी दिखाती है कि पिछले काफी समय से चीन के प्रभाव में रहे मालदीव से भारत के रिश्तों पर पड़ी बर्फ पिघल गई है। नाशीद नए राष्ट्रपति सोलिह के काफी करीबी माने जाते हैं। शाम में सोलिह ने पीएम मोदी की मौजूदगी में मालदीव के राष्ट्रपति पद की शपथ ली।
खास बात यह है कि इस अवसर पर मौजूद रहने वाले पीएम मोदी मालदीव के लिए सर्वोच्च रैंकिंग वाले गेस्ट रहे। चीन की ओर से कल्चर मंत्री शामिल हुए। दरअसल, चीन के कर्जे में फंसा मालदीव अब भारत की तरफ देख रहा है। मालदीव की पिछली सरकार ने विकास के लिए चीन से भारी पैमाने पर कर्ज ले रखा है।
मालदीव के लिए भी 'सबका साथ सबका विकास' की नीति
माले रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार का सबका साथ सबका विकास का नजरिया सभी पड़ोसियों के लिए भी है। यह बयान भारत की पड़ोसियों को साथ लेकर तरक्की करने की इच्छा और नीति को स्पष्ट करता है। वास्तव में, 2011 के बाद पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री के मालदीव में होने के कूटनीतिक मायने हैं। इससे पहले तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह माले गए थे।
मालदीव के साथ भारत के अच्छे संबंध रहे हैं। भारत कदम-कदम पर माले की मदद करता आया है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के रिश्तों में काफी उतार-चढ़ाव देखे गए। पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के समय चीन के प्रभाव में आकर मालदीव ने भारत से दूरी बना ली थी। भारतीयों और भारत द्वारा चलाए जा रहे प्रोजेक्टों के खिलाफ कदम उठाए गए।