हाईकोर्ट ने प्रेम विवाह पर दिए सुरक्षा के निर्देश
जबलपुर
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने हिन्दू व मुस्लिम समाज के युवक-युवती द्वारा प्रेम विवाह करने के मामले में इन्हें सुरक्षा दिये जाने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश सुजय पॉल की एकलपीठ यह आदेश दिए है। न्यायालय के समक्ष युवती हाजिर हुई जिसने बताया कि वह बालिग है और उसने अपनी मनमर्जी से शादी की है। निकाह के बाद से ही उसके समाज व कुछ धार्मिक संगठन के लोगों के दवाब में संबंधित क्षेत्र की पुलिस उसके पति व ससुराल वालों को प्रताड़ित कर रहीं है। न्यायालय ने पूरे मामले का अवलोकन करने के बाद अपने सोमवार आदेश में कहां कि भले ही युवक-युवती पृथक-पृथक धर्म से वास्ता रखते हो, लेकिन उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता को धार्मिक या सामाजिक आधार पर प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता।
न्यायालय ने युगल दंपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ मामले में विधि अनुसार कार्रवाई के निर्देश दिये है। गौरतलब है कि ग्वारीघाट थानान्तर्गत निवासी युवती के लापता होने पर उसकी मॉ ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि गोराबाजार निवासी आदिल नामक युवक ने उसकी लड़की को बंधक बना रखा है। लापता युवती व युवक की ओर से भी हाईकोर्ट में पुलिस सुरक्षा की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि वह एक दूसरे से पिछले पांच वर्षो से प्रेम करते है। दोनों अपनी मर्जी से 19 सितम्बर को घर से भागे थे और 26 सितम्बर को निकाह कर लिया था।