15  साल बाद विधानसभा में भीतर का नजारा बदला-बदला सा 

15  साल बाद विधानसभा में भीतर का नजारा बदला-बदला सा 

भोपाल
पंद्रह साल बाद विधानसभा में सदन के भीतर का नजारा बदला-बदला सा नजर आया।लगातार पंद्रह सालों  तक सत्ता पक्ष में नजर आने वाली भाजपा इस बार विपक्ष में थी तो वहीं विपक्ष में बैठने वाली कांग्रेस इस बार सत्ता पक्ष की सीटों पर विराजमान थी। सदन में मुख्यमंत्री, मंत्री और वरिष्ठ विधायक के नाते सदन में लगातार दिखाई देने वाले वरिष्ठ पूर्व विधायक बाबूलाल गौर, विधानसभा उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह और पिछले सत्र तक नेता प्रतिपक्ष रहे अजय सिंह सहित कई चर्चित चेहरों की कमी इस बार विधानसभा में खली।

अध्यक्ष की कुर्सी पर पूर्व अध्यक्ष सीताशरण शर्मा की जगह प्रोटेम स्पीकर दीपक सक्सेना विराजमान थे। विधानसभा अध्यक्ष की आसंदी के दाहिनी सत्ता पक्ष की सीटों पर कांग्रेस के विधायक तो बाई ओर विपक्ष की सीटों पर भाजपा के विधायक विराजमान थे। लगातार तेरह सालों तक सत्ता पक्ष की जिस पहली कुर्सी पर पहले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान बैठा करते थे उस कुर्सी पर वर्तमान मुख्यमंत्री कमलनाथ बैठे थे तो वहीं नेता प्रतिपक्ष का चयन नहीं हों पाने के कारण यह सीट पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को दी गई थी। नेता प्रतिपक्ष का चयन होंने पर उन्हें दूसरे नंबर की सीट दी जाएगी। 

सदन के नेता के रुप में पहली सीट पर मुख्यमंत्री कमलनाथ, दूसरी सीट पर उनके पास मंत्री सहकारिता,संसदीय कार्य एवं सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ गोविंद सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम विभाग के मंत्री आरिफ अकील, लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा बैठे थे। वहीं खेल एवं युवक कल्याण मंत्री जीतू पटवारी, मुख्यमंत्री के ठीक पीछे वाली  उस कुर्सी पर बैठे थे जहां पहले पूर्व संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा बैठते थे। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा को इस बार विपक्ष में सीट क्रमांक 159 दी गई है।

पिछले सत्र में सत्ता पक्ष में रहते हुए कई बार अपनी ही सरकार के मंत्रियों को घेरने और इस बार मंत्री बन गए कांग्रेस विधायक आरिफ अकील के साथ हास-परिहास करने वाले  पूर्व वरिष्ठ  विधायक बाबूलाल गौर, सत्ता पक्ष को जोरदार तरीके से घेरने वाले पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह,  पिछली सरकार में मंत्री और विधायक रहे कैलाश विजयवर्गीय, मंत्री रहते हुए विपक्षी दल के सदस्यों को बार-बार टोकने वाले पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार, विपक्षी सदस्यों को अपने जवाब से निरुत्तर करने और सत्ता पक्ष की ओर से बीच में खड़े होकर सरकार का बचाव करने वाले पूर्व मंत्री जयंत मलैया और पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता, पिछली बार विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस की ओर से सत्ता पक्ष को घेरने वाले पूर्व विधायक रामनिवास रावत, पिछले सत्र तक अपने कानूनी ज्ञान के बल पर सत्ता पक्ष को घेरने वाले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के पुत्र एवं पूर्व विधायक शंकर लाल तिवारी और सत्ता पक्ष में अपनी बात जोरदार तरीके से रखने वाले पूर्व भाजपा विधायक शंकरलाल तिवारी भी इस बार सदन में नजर नहीं आए। कांग्रेस के पूर्व विधायक मुकेश नायक की कमी भी इस बार सदन में खली।