3 का डेटा खरीदा, 6 रुपये का बेचा...ऐसे ठग लिए 200 करोड़
नोएडा
एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने डेटा हैक कर ऑनलाइन शॉपिंग व बीमा के नाम का लालच देकर लगभग 200 करोड़ की ठगी कर चुके गैंग का खुलासा किया है। इसके सरगना को नोएडा के सेक्टर-142 स्थित उसके ऑफिस से गिरफ्तार किया है। आरोपी से कई ऑनलाइन शॉपिंग से संबंधित 14 लाख ग्राहकों का अनाधिकृत डेटा भी बरामद किया गया है।
पूछताछ में एसटीएफ को पता चला है कि आरोपी पहले हैकर्स के माध्यम से शॉपिंग कंपनियों की वेबसाइट हैक कर डेटा चुराते थे। जिसे आगे महंगे दामों पर ठगी करने वाले कॉल सेंटरों को बेच देते थे। एसटीएफ के एसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि लंबे समय से शिकायतें मिल रहीं थीं कि ठगी करने वाला कोई गैंग ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले लोगों के पास लक्की ड्रॉ में कार का इनाम निकलने, इनकम टैक्स, जीएसटी रजिस्ट्रेशन की जानकारी जुटाने और विभिन्न प्रकार का लालच देकर धोखे से उनकी कार्ड डिटेल लेकर रुपया अपने बैंक खातों या फिर यूपीआई ऐप में ट्रांसफर कर लेते हैं।
इस संबंध में आईसीआईसीआई कंपनी की तरफ से भी अपने ग्राहकों के साथ इस तरह की ठगी किए जाने की शिकायत आई थी। ऐसे में साइबर क्राइम गौतमबुद्धनगर व थाना लंका वाराणसी और आजमगढ़ में दर्ज तीन मुकदमों की जांच पड़ताल की। इसके बाद जानकारी मिली कि ठगी के इस गैंग का सरगना नंदन राव पटेल द्वारा डेटा हैक कर शॉपिंग कंपनियों के ग्राहकों का डेटा चुराकर ठगी करने वाले कॉल सेंटरों को देता है। एसटीएफ की टीम ने आरोपी को शनिवार शाम अंसल कॉर्पोरेट पार्क सेक्टर 142 स्थित उसके ऑफिस से गिरफ्तार किया है।
ऐसे करते थे ठगी
आरोपी ने पूछताछ में बताया है कि वो प्रशांत गर्ग व ईशू वंशल से ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों की वेबसाइट से एप्लिकेशन व सॉफ्टवेयर को हैक कराकर उनके ग्राहकों का डेटा चोरी कराता था। जिसकी एवज में दोनों हैकर्स को 2 से 3 रुपये प्रति डेटा दिया जाता था। जिसे वो आगे दिलीप कुमार, अनुज कुमार, अरुणपाल, सोनू, अनूप बिहारी, वीर सिंह व प्रदीप कुमार को 5 से 6 रुपये प्रति डेटा बेचता था। इन लोगों द्वारा डेटा को दिल्ली एनसीआर समेत बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र व पंजाब में संचालित ठगी के कॉल सेंटरों को बेचते थे। जहां से लोगों को कॉल कर धोखे से उनके कार्ड्स डिटेल लेकर पैसा ट्रांसफर कर लेते थे।
बैंक वाले देते थे 'किराए के अकाउंट'
आरोपी नंदन ने पूछताछ के दौरान एसटीएफ को बताया कि इसके लिए वो बैंक कर्मियों से मिलकर फर्जी नाम पते के खोले गए बैंक अकांउट किराए पर लेते थे। इसी तरह पेटीएम क्यूआर कोड, फोन पे, तेज और भीम ऐप पर भी किराए के अकांउट मिलते थे। जिनमें ठगी कर रकम को ट्रांसफर किया जाता था। जिस रकम को बैंक के कर्मचारी अपनी कमिशन काटकर उन्हें देते थे। ये बैंक कर्मचारी भी इसमें मिले हुए थे। एसटीएफ ने आरोपी बिहार के रहने वाले नंदन राव पटेल को फिलहाल साइबर क्राइम के हवाले किया है। वहीं आरोपी से मिली जानकारी के आधार पर फर्जी बैंक अकाउंट किराए पर लिए जाने वाले मामले की जांच की जा रही है।