30 प्रतिशत महिलाएं गर्भधारण नहीं कर पाती, पढ़िए वजह
लगभग 30 प्रतिशत महिलाएं ऐसी है जो टीबी की चपेट में आने के बाद गर्भधारण नहीं कर पाती हैं। थाइरॉयड से ग्रसित महिलाओं की थाइरॉयड ग्लैंड निकालने और लैप्रोस्कोपी के कारण भी गर्भधारण करने में समय लगता है। आइवीआइ फर्टिलिटी के कार्यक्रम में डॉ. सईदा वसीम ने बताया कि सिस्ट, तनाव, रहन-सहन, बिगड़े खान-पान के कारण उनकी गर्भधारणशक्ति क्षीण हो जाती है। महिलाओं में 25 से 30 साल की उम्र में गर्भधारण शक्ति में गिरावट आती है वहीं 35 साल की उम्र पार करने पर गर्भधारण करने में दिक्कत होने लगती है। उन्होंने बताया कि 40 से 50 प्रतिशत केसों में पुरुषों के कारण दंपति संतान सुख नहीं उठा पाते हैं। पुरुषों में मोटापा, नशीले पद्धार्थों के सेवन करने से उनके शुक्राणु कमजोर हो जाते हैं जिससे वो संतान सुख नहीं उठा पाते हैं।
आइवीएफ, एरा, डीएफआइ तकनीकों से गर्भधारण की बंध रही उम्मीद
मां बनने का अहसास सभी के लिए खास होता है ऐसे में भागदौड़ भरी जिन्दगी में बदलते रहन-सहन और खानपान संग स्वास्थ्य पर तेजी से असर पड़ रहा है। मौजूदा समय में महिलाओं में गर्भधारण न कर पाने की शिकायतों में तेजी से इजाफा हुआ है जिसका मुख्य कारण मोटापा, धूम्रपान तनाव है। ये बातें गुरुवार को हजरतगंज स्थित एक होटल में आइवीआइ फर्टिलिटी के कार्यक्रम में डॉ. सईदा वसीम ने कहीं। उन्होंने बताया कि भारत में लगभग 10 से 12 शादीशुदा जोड़े ऐसे हैं जो माता-पिता का सुख नहीं मिल पाया है। ऐसे जोड़ों मे एक प्रतिशत जोड़ों ने इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आइवीएफ) से इलाज कराते हैं।