खुशखबरी: केंद्रीय कर्मचारियों को तगड़ा फायदा, बढ़ जाएगा वेतन

खुशखबरी: केंद्रीय कर्मचारियों को तगड़ा फायदा, बढ़ जाएगा वेतन

नई दिल्ली, सातवें वेतन आयोग की सिफारिश पर 2016 में पहली बार केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में फिटमेंट फैक्टर को शामिल किया गया। यह उपाय केंद्रीय कर्मचारियों की मिनिमम सैलरी बढ़ाने के लिए किया गया था। अब इसे बढ़ाने की बातें जोर पकड़ रही है। यदि फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाया गया तो इससे केंद्रीय कर्मचारियों को तगड़ा फायदा होगा और उनका वेतन तुरंत ठीक-ठाक बढ़ जाएगा।

फिटमेंट फैक्टर  से निर्धारित होती है मिनिमम सैलरी 

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की कुल सैलरी में बेसिक सैलरी के साथ ही फिटमेंट फैक्टर अहम कंपोनेंट बन गया है। फिटमेंट फैक्टर से ही यह तय होता है कि कर्मचारी को भत्तों को छोड़कर कितना पैसा मिलेगा। अभी केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी तय करते समय पुरानी बेसिक सैलरी को फिटमेंट फैक्टर से गुना किया जाता है। इसके बाद महंगाई भत्ता ), यात्रा भत्ता, आवास किराया भत्ता आदि को जोड़ाजाता है।

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों में फिटमेंट फैक्टर सबसे अहम

अभी केंद्रीय कर्मचारियों की मिनिमम बेसिक सैलरी 18 हजार रुपये है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के आधार पर फिलहाल फिटमेंट फैक्टर 2.57 है। इसे बढ़ाकर तीन करने की बात चल रही है। फिटमेंट फैक्टर 2.57 लागू करने से जिन कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग के तहत 4440-7440 का पे स्केल मिल रहा था, उनकी मिनिमम सैलरी बढ़कर सीधे 18 हजार हो गई। यदि केंद्रीय कर्मचारियों की मांग के आधार पर फिटमेंट फैक्टर को 3 रखा जाता, तो मिनिमम सैलरी 18 हजार के बजाय 25 हजार रुपये के करीब पहुंच सकती थी।

केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले भत्ते अब 28 प्रतिशत

सरकार ने हाल ही में केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ता में वृद्धि की है। यह पहले 17 प्रतिशत था, जो अब बढ़कर 28 प्रतिशत हो गया है। पेंशनभोगियों को मिलने वाली महंगाई राहत भी बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही आवास किराया भत्ता को भी बढ़ाने की बात की गई है। ये वृद्धि एक जुलाई से लागू किए गए हैं। इससे भी केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा हुआ है।
केंद्रीय कर्मचारियों के भत्ते में यह वृद्धि डेढ़ साल बाद हुई है। कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते सरकार ने मार्च 2020 से जून 2021 तक के लिए भत्तों की बढ़ोत्तरी पर रोक लगा दी थी। इस समयसीमा के खत्म होने के बाद सरकार ने भत्तों को बढ़ाने का निर्णय लिया।