विपक्ष के हंगामे के बीच अंतर सेवा संगठन विधेयक पेश

विपक्ष के हंगामे के बीच अंतर सेवा संगठन विधेयक पेश

नई दिल्ली, संसद में चल रहे मानसूत्र में जोरदार हंगामा हो रहा है। शुक्रवार को सत्ता पक्ष ने राजस्थान में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा किया तो विपक्ष पीएम मोदी के मणिपुर को लेकर बयान पर अडिग है। इस बीच सशस्त्र बलों के संयुक्त अभियानों के दौरान अनुशासन बनाए रखने के लिए त्वरित कार्रवाई के प्रावधान वाले अंतर सेवा संगठन (कमान, नियंत्रण और अनुशासन) विधेयक, 2023 को लोकसभा ने शुक्रवार को पारित कर दिया।

सैन्य सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह कानून सैन्य सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मणिपुर बहस से संबंधित अपनी मांगों पर विपक्ष के विरोध के बीच रक्षा मंत्री ने सदन में पारित करने के लिए अंतर-सेवा संगठन (कमांड, नियंत्रण और अनुशासन) विधेयक, 2023 पेश किया। इस विधेयक पर हुई संक्षिप्त चर्चा पर रक्षा मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा ने ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी दे दी। विधेयक पर बोलते हुए, राजनाथ सिंह ने कहा कि यह संयुक्तता को बढ़ावा देता है और अंतर-सेवा संगठनों के कमांडरों को बेहतर अनुशासनात्मक और प्रशासनिक शक्तियां प्रदान करता है। आगे बोले कि मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि यह विधेयक सैन्य सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस विधेयक में कोई अतिरिक्त वित्तीय निहितार्थ शामिल नहीं है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि सेना में कभी भी किसी परस्थिति में अनुशासनहीनता का कोई मामला सामने आने पर जल्द निर्णय लेना आवश्यक हो जाता है। उन्होंने कहा कि यह विधेयक किसी अंतर सेना संगठन में अनुशासन बनाए रखने के लिए त्वरित कार्रवाई का प्रावधान करता है।
आगे उन्होंने कहा कि तीनों सेनाओं के कर्मी अपने-अपने संबंधित कानूनों और उनके तहत बनाए गए नियमों के अनुसार काम करते हैं। ऐसी स्थिति में अंतर सेना संगठनों में काम करने वाले कर्मियों के आनुशासनिक मामलों में कमांडर-इन-चीफ केवल अपने बल के कर्मियों पर अनुशासन और प्रशासनिक अधिकारों का प्रयोग कर सकते हैं और दूसरे बल के कर्मियों पर नहीं।
उन्होंने कहा कि ऐसे संगठनों में सेवारत कर्मियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए उनकी मूल सेना इकाइयों में वापस भेजना अपेक्षित होता है। राजनाथ सिंह ने कहा कि इसमें धन और समय व्यय होता है और न्याय मिलने में देरी होती है। रक्षा मंत्री ने कहा कि एक ही अपराध के लिए अलग-अलग प्राधिकारों के अलग-अलग निर्णयों से विसंगति पैदा होती है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि इस लिहाज से सभी अंतर सेना संगठनों के प्रमुखों के लिए, उनमें अनुशासन बनाये रखने के नाते एक कानून बनाने की आवश्यकता लगी। रक्षा मंत्री ने कहा कि यह विधेयक अंतर सेना संगठनों के प्रमुखों को बेहतर अनुशासन और प्रशासनिक अधिकार प्रदान करता है।

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